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ओंकारेश्वर बांध की ऊंचाई कम कराने दस दिन से पानी में खड़े हैं सत्याग्रही, गलने लगी पांव की चमड़ी

खंडवा में ओंकारेश्वर बांध की ऊंचाई को कम करने की मांग करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन के आंदोलनकारियों के साथ कामनखेड़ा गांव के लोगों द्वारा किया जाने वाले जलसत्याग्रह का आज दसवां दिन है. पानी में खडे़ होने की वजह से इन सत्याग्रहियों को हालत बिगड़ने लगी हैं.

जलसत्याग्रह

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Published : Nov 1, 2019, 2:03 AM IST

खंडवा। ओंकारेश्वर बांध के जलस्तर को कम करने की मांग को लेकर जल सत्याग्रह कर रहे सत्याग्रहियों समेत कामनखेड़ा गांव के लोगों की हालत अब बिगड़ने लगी हैं. लगातार सात दिन से जारी जल में खड़े होकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे इन लोगों की चमड़ी गलने लगी है. साथ ही सत्याग्रही कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.

जलसत्याग्रह कर रहे लोगों की बिगड़ने लगी हालात

बता दें एनएचडीसी द्वारा ओंकारेश्वर बांध के जलस्तर को 193.5 मीटर से 196.6 मीटर तक किया जा रहा है. जिसके चलते बांध से सटे कामनखेड़ा गांव में बैक वाटर घुसने से लोगों के मकान और खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. लिहाजा नर्मदा बचाओ आंदोलन सहित कामनखेड़ा के लोग जल सत्याग्रह की राह पर हैं.

21 अक्टूबर से शुरू हुए इस जल सत्याग्रह को आज सातवां दिन है. जल सत्याग्रह कर रहे लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा है. इस बीच नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित ने इस मामले को लेकर बीते दिन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल से मुलाकात की थी.

मांधाता विधायक नारायण पटेल ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान हुए सर्वे में सभी डूब प्रभावितों को शामिल नहीं थे. उनकी पुर्नवास की मांग जायज है. वे खुद इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करेंगे. वहीं दूसरी तरफ जल सत्याग्रहियों का कहना है जब तक बांध का जलस्तर कम नही हो जाता और डूब प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक वे जल सत्याग्रह जारी रखेंगे.

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