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बुवाई का सीजन करीब, किसानों को बांटे जा रहे बर्बादी के नकली बीज, कई जिलों में सामने आए मामले - fake seeds business

किसान कमजोर कड़ी है, इसलिए नकली बीज और कमीनशखोरी का कारोबार फल फूल रहा है. लेकिन खंडवा में अनियमितता उजागर होने के बाद वहां कृषि विभाग ने कार्रवाई करते हुए अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है. लेकिन किसान इन कार्रवाई को नाकाफी बता रहे हैं और सरकार की ओर से किसी ठोस कदम का इंतजार रहे हैं.

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सांकेतिक चित्र

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Published : Jun 12, 2021, 11:01 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 11:08 PM IST

भोपाल/छिंदवाड़ा/शहडोल/खंडवा। मध्य प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले किसानों को नकली, अमानक, कम गुणवत्ता वाले बीज बेचकर ठगने वाले कारोबारी सक्रिय हैं. राज्य सरकार अभियान चलाकर ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई तो करती है लेकिन सब फिर जस का तस हो जाता है और फिर से नकली बीज का कारोबार फल- फूल रहा है. नकली बीज को लेकर जब ईटीवी भारत ने राजधानी भोपाल के पास खजूरी कला गांव जाकर किसानों से बात की तो उन्होंने शासन के खिलाफ जमकर गुस्से का इजहार किया.

किसानों के बांटे जा रहे बर्बादी के नकली बीज

नकली बीज से अन्नदाता को नुकसान

भोपाल के खजूरी कला गांव के उन्नतशील किसान और मध्य प्रदेश कृषि भूषण पुरस्कार प्राप्त किसान मिश्रीलाल राजपूत ने बताया कि नकली बीज को लेकर उन्होंने कई बार शासन से शिकायत की. लेकिन कुछ भी कार्रवाई आज तक नहीं हुई. किसान ने बताया कि नकली बीज के कारोबार में कमीशनखोरी चलती है. शासन पर गुस्सा जताते हुए किसान मिश्रीलाल ने कहा कि किसान इधर-उधर भटककर परेशान हो जाता है.

खेत में किसान

वहीं इस मामले में दूसरे किसान मलखान सिंह बताते हैं कि, किसान कमजोर कड़ी है. बीज खरीदने के दौरान पता नहीं चलता कि वो असली है या नकली. लेकिन बीज उत्पादन नहीं होने पर इसकी असलियत सामने आती है. जब तक किसानों को काफी नुकसान हो जाता है.

खेत में किसान

Dedicated Health Worker के व्यक्तित्व की सराहना, घर से 200 KM दूर से आकर दे रही सेवा

बीज की व्यवस्था खुद करें किसान

कृषि के जानकार डॉक्टर जीएस कौशल बताते हैं कि किसानों को नकली बीजों से बचने का सबसे सही तरीका है कि वो अपना बीज खुद बनाकर रखे, क्योंकि बाजार से बीज एक तो महंगा मिलता है और वह अमानक भी होता है. डॉक्टर कौशल का कहना है कि बीज की बोवनी करने से पहले किसान अपने घर में उसका अंकुरण कर जांच लें. यदि बीज का अंकुरण अच्छा है तो फिर बीज की बोवनी की जा सकती हैं.

खेत में किसान

किसान इन बातों की कर लें जांच

  • जब भी बाजार से बीज खरींदे, उसकी जांच परख करे.
  • बीज के पैकेट का लेबल देखें कि किस कंपनी का है.
  • बीज के पैकेट पर लिखा एक्सपायरी डेट जरूर देख ले.
  • बीज का अंकुरण प्रतिशत कितना है,इसके बारे में भी दुकानदार से पूछें.
  • बीज खरीदते समय उसकी रसीद जरूर लें ताकि यदि अमानक या नकली बीज निकले तो उसकी शिकायत की जा सके.

पांच पर FIR दर्ज

बीज कालाबाजारी को लेकर प्रभारी और उप बीज प्रमाणीकरण अधिकारी पीपी सिंह, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी राजाराम बडोले, जयंत कुल्हारे, सुरेश कुमार, अखिलेश चौहान को गुरुवार को निलंबित किया गया है. मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के प्रबंध संचालक बीएस धुर्वे ने निलंबन आदेश जारी किए. इन सभी अधिकारियों की बीज प्रमाणीकरण के कामों में लापरवाही उजागर हुई है.

बीज

अनियमितता उजागर होने पर कार्रवाई

शहर में 4 जून को तीन बीज कारोबारियों के यहां कृषि विभाग की संभागीय टीम द्वारा छापा मार कार्रवाई की गई थी. कार्रवाई में अनियमितता उजागर होने के बाद और बीज प्रमाणीकरण संस्था के पांच अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया गया है. यह जांच कृषि मंत्री कमल पटेल के निर्देश पर की गई थी. निलंबन अवधि में ये सभी संभागीय कार्यालय इंदौर अटैच किए गए हैं.

किसान के हाथ में बीज

पांच अधिकारी-कर्मचारी निलंबित

इससे पहले 4 जून को संभागीय टीम ने खंडवा के तीन बीज कारोबारी बालाजी सीड्स ग्राम बावड़िया काजी, उत्तम सीड्स दोंदवाडा और प्रगति एग्रो सीड्स पांजरिया के कार्यालय और उनके गोदामों पर छापा मारा था. इस दौरान बड़ी मात्रा में नकली टैंग और अमानक बीज मिला था. इसके चलते वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी संतोष कुमार ने प्रगति एग्रो सर्विसेस पर कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया था. पदमनगर थाने में प्रगति एग्रो सर्विसेस के संचालक संजय जैन पर मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद बीज की कालाबाजारी के मामले में बीज निगम के पांच अधिकारी-कर्मचारी निलंबित हो गए हैं.

खेत

छिंदवाड़ा में बीज माफिया और खाद माफिया को लेकर कार्रवाई करते हुए छह पर FIR दर्ज हुई थी. खरीफ की फसल की बोनी शुरू होना है. कृषि विभाग ने कार्रवाई करते हुए एक दुकानदर पर खाद को लेकर FIR दर्ज कराई है. दो दुकानों पर अमानक बीज को लेकर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई.

प्रदेश के किसान

खरीफ की फसल को लेकर बोनी शुरू, बीज माफिया भी सक्रिय

बारिश का मौसम शुरू होते ही खरीद की फसल को लेकर किसान अपने खेतों में बुवाई की तैयारी करने लगा है. वहीं खाद और बीज माफिया भी सक्रिय हो गए हैं. वही कृषि विभाग द्वारा कोरोना कर्फ्यू खुलने के बाद बीच की दुकानों से लगभग डेढ़ सौ सैंपल जिले से भेजे गए. जिसमें से 20 सैंपल का रिजल्ट आ गया है. वहीं खाद को लेकर 126 उर्वरक नमूनों को भेजा गया है. जितने तेरे कुछ के रिजल्ट आए हैं दो दुकानों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है.

कार्रवाई करती पुलिस

दो लोगों पर अमानक बीज को लेकर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई

कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि तामिया में खाद का अवैध स्टोरेज करने पर एक दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं दो दुकानदारों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है.

पिछले साल 8 लोगों पर हुई थी FIR

पिछले साल उर्वरता की गुणवत्ता और बीज को लेकर 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसमें से 2 लोगों पर अमानक बीच स्तर का कम अंकुरण वाला बीज बेचने को लेकर FIR दर्ज हुई थी, तो वहीं 6 लोगों पर अधिक दाम पर विक्रय और भंडारण करने को लेकर कार्रवाई की गई थी.

शहडोल जिले में पिछले दो-तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है. जिससे खेतों में पानी भर चुका है. किसानों ने अपनी खेती की तैयारी को तेज कर दिया है, तो वही इस बीच कृषि विभाग को भी खरीफ सीजन में कई फसलों के रकवे बढ़ने की उम्मीद है. इसके अलावा खाद को लेकर भी कृषि विभाग ने तैयारी पुख्ता तैयारी कर ली है, तो वही नकली बीज को लेकर कृषि विभाग का कहना है कि शक्ति से निगरानी की जा रही है और लगातार नमूने लिए जा रहे हैं, जिससे किसी भी किसान के साथ धोखा ना हो सके.

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खरीफ सीजन में रकबा बढ़ने की उम्मीद

कृषि विभाग के उप संचालक आरपी झारिया के मुताबिक जिले में अभी जो ये बारिश हो रही है, वो प्री मानसून की बारिश है. सभी किसान
अपने खेतों की जुताई करवा लें. कल्टीवेटर चलवा लें, जिससे खेत में जो घांस या कीट आ गए हैं उनकी सफाई हो जाए, वो मर जायेंगे. जिससे जैसे ही हम खरीफ की फसल लेंगे, तो उसमें निदाई में काफी हद तक कंट्रोल रहेगा.

बंजर जमीन का भी खेती के लिए करे उपयोग

इस बार खरीफ फसलों का रकबा लगभग 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर का टारगेट रखा गया है, जिसमें 1 लाख 63 हजार 8 सौ हेक्टेयर धान के रकबे का टारगेट रखा गया है. इसी तरह मक्के का 9 हजार हेक्टेयर का है. कोदो कुटकी का साढ़े सात हजार हेक्टेयर का है, उड़द साढ़े 6 हजार हेक्टेयर का है. अरहर 10 हजार हेक्टेयर का है, तिल 9 हजार हेक्टेयर का है और सोयाबीन साढ़े तीन हजार हेक्टेयर प्रस्तावित किया गया है. कृषि विभाग के उप संचालक आरपी झारिया कहते हैं कि किसानों के पास काफी जमीन बंजर के नाम पर पड़ी रहती है, उसका भी उपयोग करें और कोदो कुटकी, तिल, रामतिल ऐसी फसलों को लेकर उसमें लगाएं, जिससे अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके.

कोदो कुटकी में रकबा बढ़ने की उम्मीद

कृषि विभाग के उप संचालक आरपी झारिया के मुताबिक कोदो और कुटकी में रकबा बढ़ने की उम्मीद है. पिछली बार भी काफी किसानों ने कोदो-कुटकी का फसल लिया था और उनको कोदो के अच्छे रेट मिले हैं. अगर किसान भाई, कोदो का चावल निकालकर बेचते हैं या फिर धान का चावल निकालकर बेचता है तो उसे अच्छे रेट मिलेंगे. पिछले बार कोदो का रकबा 6 हजार आठ सौ हेक्टेयर का था. इस बार साढ़े सात हजार हेक्टेयर प्रस्तावित किया गया है. किसानों को सलाह देते हैं की कोदो कुटकी की फसल अगर कोई उनकी खाली जमीन पड़ी है तो उसमें जरूर लें. धान का रकबा भी पिछली बार एक लाख 51 हजार हेक्टेयर का था, जो इस बार 1 लाख 63 हजार प्रस्तावित किया गया है.

बीज

खाद बीज की व्यवस्था

खाद बीज के लिये अभी जो है जिले की सेवा सहकारी समितियां इन सारी सहकारी समितियों में कलेक्टर के माध्यम से बैठक करके और समन्वयक करके सभी कृषि किसान हैं, उनके साथ समन्वय करके हर समितियों में किसानों की मांग के अनुसार बीज का भंडारण किया जा रहा है. अभी खाद बीज की उपलब्धता प्रयाप्त मात्रा में है.

नकली बीज को लेकर सख्त विभाग

नकली बीज को लेकर कृषि विभाग के उप संचालक का कहना हैं कि शहडोल में अभी जो बीज है, खरीफ सीजन के लिए उसके लिए 105 नमूने लेने के लक्ष्य मिले हैं. जिले में जिसमें अमानक स्तर का कोई भी बीज किसानों को न मिले, इसके लिए हम लोग सतत निगरानी और निरीक्षण करते जा रहे हैं. इसके साथ ही साथ कहीं भी संदिग्ध स्थिति निर्मित होती है तो वहां हम बीज का सैंपल लेते हैं और लगभग हम 50 प्रतिशत जितना लक्ष्य है. उसका हम 50 प्रतिशत नमूने हम ले चुके हैं. अब तक कोई दिक्कत नहीं आई है. प्रयोगशाला परिणाम अभी नहीं आये हैं.

Last Updated : Jun 12, 2021, 11:08 PM IST

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