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पंकजा मुंडे ने खंडवा में किया चुनाव प्रचार, बोलीं बीजेपी लोगों के दिलों पर राज करती है, कुर्सियों पर राज करने वाले नेता बहुत हैं

लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में पंकजा मुंडे ने मांगा वोट. जनसभा के दौरान याद की पिता सीख . कहा- जिस माटी और जिस जाति में हमलोग जन्म लेते हैं उसके प्रति कभी शर्म नहीं आना चाहिए.

during election campaign in khandwa pankaja munde remembered her father
खंडवा में चुनाव प्रचार के दौरान पंकजा मुंडे ने याद की पिता की सीख

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Published : Oct 23, 2021, 4:20 PM IST

खंडवा। मध्यप्रदेश में उपचुनाव में अब प्रचार का दौर अपने चरम पर है. लिहाजा शिवराज सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी खंडवा लोकसभा में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है. इस क्रम में शनिवार को मध्यप्रदेश की भाजपा सह प्रभारी और महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने जिले के मूंदी में कैलाश विजयवर्गीय के साथ पार्टी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल के पक्ष में जनसभा की. इस दौरान उन्होंने स्थानीय मतदाताओं के बीच बंजारा समाज और समाज के प्रति उपेक्षा और जातिवाद के दर्द को भी उजागर किया, गौरतलब है पंकजा मुंडे ओबीसी वर्ग के नायक समाज प्रतिनिधित्व करती हैं.

नहीं भूली पिता की सीख

चुनाव प्रचार अभियान के तहत खंडवा के मूंदी पहुंची पंकजा मुंडे ने सभा के दौरान गरीबों-पिछड़ों को आगे बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके पिता और बीजेपीा के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने उन्हें जो सीख दी थी आज भी वो उस पर कायम हैं. उन्होंने कहा, जिस माटी और जिस जाति में हमलोग जन्म लेते हैं उसके प्रति कभी शर्म नहीं आना चाहिए. कोशिश यह होना चाहिए कि अगर गरीब की झोपड़ी में जन्म लिया है तो उसे महल कैसे बनाया जाए और यदि महल में जन्म लिया है तो झोपड़ी वाले को कैसे महल का सम्मान दिया जाए. उन्होंने क्षेत्रीय मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि जब राजनीति में जातियों की बात सही नहीं है क्योंकि गरीबों ने तमाम कष्ट एवं मुसीबत सहन करके अपनी जिंदगी गुजारी है और अब वे लोग यहां तक पहुंचे हैं अब जाकर पिछड़ों और गरीबों को आरक्षण और शिक्षण का लाभ मिल पा रहा है. राज की ताकत बनने से एक व्यक्ति नेता जरूर बन जाता है, लेकिन वह सिर्फ अपने ही बारे में सोचता है. जबकि वास्तविक नेता वह होता है जो समाज को याद रखता है. उन्होंने कहा- सांसद और मंत्री बनना अलग बात है लेकिन नेता वही होता है जो सामने वाले का दुख-दर्द समझता है क्योंकि असली नेता वही है जो लोगों के दिल पर राज करें, ऐसे कुर्सियों के जरिए राज करने वाले नेता तो बहुत हैं.

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