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सावन माह में सोमवती अमावस्या का संयोग, भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन करने खंडवा पहुंच रहे श्रद्धालु - सावन सोमवार

सावन सोमवार की शुरुआत 6 जुलाई से 3 अगस्त तक है, जिसमें महीने का पहला और आखिरी दिन सोमवार ही है. कोरोना वायरस का प्रभाव के चलते ओमकारेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की बहुत कम भीड़ देखी जा रही है. सावन सोमवार को श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिससे भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं.

Omkareshwar
ओंकारेश्वर

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Published : Jul 20, 2020, 5:06 PM IST

खंडवा। सावन महीने के तीसरे सोमवार यानि आज सोमवती अमावस्या का संयोग है. इस अवसर पर श्रद्धालुओं की तादात में काफी कमी देखी गई है. सावन में हर साल यहां इतनी भीड़ होती है कि पैर रखने की भी जगह नहीं होती है. वहीं इस बार कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम है. पुजारी ने कहा कि सावन के तीसरे सोमवार में सोमवती अमावस्या का अद्भुत संयोग आया है.

सावन माह में सोमवती अमावस्या का संयोग

इस समय चतुर्मास चल रहा है यह समय भगवान शिव के श्रृष्टि संचालन का समय माना जाता है. इस समय भगवान शिव और पार्वती एक साथ सभी लोकों में घूमते हैं. आज के दिन श्रद्धालु अपनी इच्छाओं को पूरी करने के लिए जल और बेलपत्र से भगवान का अभिषेक करते हैं. कहते हैं कि भगवान शिव जल्द ही खुश होने वाले देवता हैं. सावन महीने में शिव की पूजा करने से विवाह संबंधी परेशानी भी दूर होती हैं.

खंडवा पहुंच रहे श्रद्धालु

रात 8 से सुबह 8 बजे तक लॉकडाउन के चलते मंदिर में दर्शन प्रतिबंध हैं. आज भी सुबह 8 के बाद ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गई है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि सोमवार के दिन करीब चार हजार श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन हो रहे हैं. सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालु स्नान के लिए नर्मदा घाट पर आते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से स्नान को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.

ओमकारेश्वर

सुबह से ही पुलिस जवानों ने श्रद्धालुओं को घाट पर स्नान करने पर रोक लगा दी है. बता दें कि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है. इस महीना को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस बार 6 जुलाई से सावन सोमवार शुरु हुआ और 3 अगस्त तक चलेगा. खास बात यह है कि सावन की शुरुआत सोमवार के दिन से हुई और अंत भी सोमवार के दिन से ही होगा. मां पार्वती ने पूरे सावन तप करके भगवान शिव को पाया था, जिसके चलते हर श्रद्धालु शिव की पूजा कर उन्हें मनाता है.

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