खंडवा। देशभर में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों के विरोध में किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के चलते आज राष्ट्रीय किसान एवं मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राहुल राज के नेतृत्व में जिले के दुल्हार में कृषि विधेयक के विरोध में सांकेतिक चक्काजाम किया गया. किसानों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम स्थानीय तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा.
केंद्र सरकार की ओर से कृषि सुधार बिल कहे जा रहे तीन में से दो विधेयक रविवार को राज्यसभा में पास हो गए. अब इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अंतिम मुहर लगनी बाकी है उसके बाद यह कानून बन जाएगा. वहीं अब इस किसान सुधार बिल का विरोध होना शुरू हो गया है. पंजाब हरियाणा और मध्य प्रदेश में इस बिल का विरोध जोरों पर शुरू हो गया है. खंडवा में भी किसान मजदूर संगठन के नेतृत्व में किसानों ने चक्का जाम कर विरोध दर्ज किया.
किसानों का कहना है कि यह विधेयक धीरे-धीरे एपीएमसी(एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी) यानी सरल भाषा में मंडी को खत्म कर देगा और फिर निजी कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा. जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलेगा. आगे किसानों ने कहा कि सरकार कहती है कि एमएसपी कोई नहीं हटेगा लेकिन सरकार इस पर गारंटी नहीं दे रही है.
इस कानून में संशोधन नहीं हुआ तो किसान उग्र आंदोलन करेंगे, किसानों ने इस बिल को उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाला बिल बताया है. कृषि विधेयक से नाराज किसानों ने जिले में इंदौर इच्छापुर हाईवे पर चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया है. यहां किसान मजदूर संगठन के आह्वान पर किसान इकट्ठा हुए थे. उन्होंने इस बिल में सुधार किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा. ज्ञापन में किसानों का कहना था कि कांट्रेक्ट फॉर्मिंग में उल्लंघन करने पर संबंधित कंपनी या व्यक्ति के खिलाफ सजा का प्रावधान रखा जाए, साथ ही किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार भी मिले.
किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राहुल राज ने आरोप लगाया कि सरकार ने उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ही इस बिल को तैयार किया है, क्योंकि अडानी ने पहले ही बड़े-बड़े साइलो प्रोजेक्ट होशंगाबाद और विदिशा में बनाकर तैयार कर लिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि किसान बिल के पास होने के पहले ही सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंडी का मॉडल एक्ट संशोधन कर दिया है.