खंडवा।अमेरिका से अच्छी एमपी की सड़कें बताने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के प्रदेश की सड़कें विकास की बदसूरत तस्वीर पेश कर रही हैं. सड़कों की हालत ऐसी है कि, यहां सड़कें मौत को दावत दे रही हैं. सड़क पर गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क है. जिससे राहगीरों का सफर जानलेवा साबित हो रहा है.
हाइवे पर मौत करती हैं तांडव जान जोखिम में डालकर मंजिल पर पहुंचते हैं राहगीर
ये हालत तब है, जब प्रदेश की ये सड़क इंदौर इच्छापुर नेशनल हाईवे घोषित हो चुकी हैं. ये हाईवे इंदौर-खरगोन- खंडवा और बुरहानपुर जिलों से होकर गुजरता है और राजस्थान, मालवा को महाराष्ट्र और दक्षिण भारत से जोड़ता है. लेकिन वर्तमान हालात कुछ ऐसी है कि, लोग इस हाईवे पर अपनी जान हथेली पर रखकर निकल रहे हैं. इसकी खस्ताहाल स्थिति खंडवा जिले के देशगांव से लेकर खरगोन के बड़वाह तक लगभग 45 किलोमीटर के सफर में देखी जा सकती है. इस हाईवे से गुजराने वाले लोगों का कहना है कि, सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जरुर इस सड़क से निकलना चाहिए, ताकि जमीनी हकीकत उन्हें भी पता चले.
इस हाईवे पर मौत करती है तांडव!
यहां ऐसे गड्ढे हैं कि, अगर कोई इस सड़क पर निकल जाए, तो उसका सामना हर पल पर गड्ढों के रूप में मौत से होता है. यही नहीं इन गड्ढों से बचना बेहद मुश्किल है, क्योंकि आप एक गड्ढे से बचेंगे तो दूसरे गड्ढे में जा गिरेंगे. अगर गड्ढों से बच गए, तो सामने से आने वाले वाहन से आपकी सीधी टक्कर हो सकती है. इस हाईवे से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि, इस सड़क पर निकलने से पहले कई बार सोचना पड़ता हैं.
एमपी की सड़कों का हाल बदतर भारी वाहनों के प्रवेश से बिगड़ी हालत
इस हाईवे पर मुंबई आगरा हाईवे के बड़े और भारी वाहनों का प्रवेश पिछले दो साल से शुरु हो चुका है. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि इस हाईवे पर पड़ने वाले दो टोल टैक्स पिछले दो साल से बंद हो चुके हैं. ऐसे में टोल का शुल्क बचाने के लिए एबी (मुंबई-आगरा) रोड के वाहन भी इस रोड पर आते हैं, भारी वाहनों के चलते इस रोड पर बेतहाशा गड्ढे हो गए हैं.
हाईवे को 4 लेन की मिल चुकी हैं स्वीकृति
इंदौर से इच्छापुर तक लगभग 215 किलोमीटर के यह सड़क पिछले 5 सालों से फोरलेन के लिए स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन सरकारी तंत्र की विफलता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इस प्रोजेक्ट का काम शुरू नहीं हो पाया. वहीं पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस हाईवे प्रोजेक्ट को इंदौर-इच्छापुर से आगे बढ़ाकर इंदौर से लेकर अकोला (महाराष्ट्र) तक फोरलेन करने की स्वीकृति दे दी है. ये दो चरणों में बनेगा. इसकी लागत लगभग 68 हजार करोड़ बताई जा रही है. इस हाईवे के बन जाने से यह कोटा हैदराबाद नेशनल हाईवे का हिस्सा बन जाएगा.
सड़कों के हाल को लेकर कांग्रेस हमलावर
यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अंकित पाठक ने इंदौर-इच्छापुर हाईवे की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में हमने गड्ढों का पेचवर्क कराया था. अब बीजेपी और शिवराज सरकार ने इन गड्ढों को भरने में कोई रुचि नहीं दिखाई हैं. जिससे इसकी हालत बहुत खराब है और लोगों की जाने जा रही है.
वहीं सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि, अधिक बारिश के चलते इस हाईवे पर काफी गड्ढे हो गए हैं. एमपीआरडीसी के अधिकारियों को इस बावत अवगत करा दिया है. जल्द ही इस रोड पर गड्ढों को भरने का और पैचवर्क का कार्य शुरू किया जाएगा, लेकिन हकीकत यह हैं कि, बारिश खत्म होने को 1 महीना बीत चुका हैं और अभी तक यहां किसी तरह का मरम्मत कार्य शुरू तक नहीं हुआ है.