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वायरल सूची में किसान के खाते में 4 रुपए डाली गई फसल बीमा की राशि, बैंक अधिकारियों ने दिया ये जवाब - Crop insurance amount

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आज किसानों के खाते में वर्ष 2019 के फसल बीमा की राशि दी गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक क्लिक पर किसानों के खाते में राशि पहुंचाई है. खंडवा में एक सूची वायरल हुई है, जिसमें उसके खाते में फसल बीमा राशि के सिर्फ 4 रुपए डाले गए हैं. पढ़िए पूरी खबर..

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वायरल सूची में किसान के खाते में 4 रुपये बीमा राशि

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Published : Sep 19, 2020, 12:52 AM IST

खंडवा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की पेंडिग राशि वितरित करने के लिए आयोजन तो कर दिया लेकिन इसमें काफी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया पर एक सूची वायरल हो रही है, जिसमें एक किसान के नाम केवल 4 रुपये बीमा राशि डाली गई है, जिससे किसान सदमे में है और सरकार से जहर खाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है.

खालवा तहसील के पाडलिया गांव के किसान जगदीश गौंड के नाम पर ढाई एकड़ जमीन है. इसी जमीन से वो परिवार का भरण पोषण करते हैं. साल वर्ष 2019-20 में किसान ने सोयाबीन की फसल लगाई थी, लेकिन अतिवृष्टि से उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. किसान का कहना है कि खेती करने में उनके हर साल 40-50 हजार रुपये की लागत आती है. ऐसे में अगर प्राकृतिक आपदा आ जाती है तो परिवार को पालना मुश्किल हो जाता है.

वहीं बैंक द्वारा फसल बीमा के नाम पर हर साल 1200 से 1500 रुपए प्रीमियम काट लिया जाता है. जब बीमा राशि देने की बारी आई तो उसने नाम पर केवल चार रुपये दर्शाए गए हैं. ऐसे में वे काफी परेशान हैं. किसान का कहना है कि चार रुपये में तो जहर की पुड़िया भी नहीं आती, सरकार थोड़े से पैसे और दे देती, जिससे वे कम से कम जहर खरीद सकें और अपने परिवार को खिलाकर खुद खा लेते.

किसान के परिवार में उसके दो बेटे व उसकी पत्नी और कुल 5 सदस्य रहते हैं, उनका भरण पोषण कैसे होगा, इसको लेकर किसान काफी चिंतित नजर आ रहा है. सरकार से बड़ी उम्मीदें लगाए किसान का कहना है कि इस प्रकार अगर फसल बीमा मिलता है तो इससे जीने से तो अच्छा मरना ही है.

क्या कहा बैंक अधिकारी ने?

इस मामले में बैंक के कर्मचारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह सूची कहां से आई, कैसे आई, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इस सूची की क्या सत्यता है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. बैंक कर्मचारी का कहना है कि जब तक हमारे बैंक या उच्च अधिकारी का इंफॉर्मेशन नहीं होता है, हम इस संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी आपको नहीं दे सकते.

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