खण्डवा। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति आशापुर पर आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था. उसी के चलते सेवा सहकारी समिति के सदस्यों का भी कहना है कि उनका जो फसल ऋण माफी योजना के तहत ऋण माफ होना था उसमें कई किसान ऐसे हैं जिनका 75% ऋण माफ हुआ है तो किसी का 90% हुआ है. बैंक प्रमुख संतोष शर्मा का कहना है कि ये राशि किसानों के खातों से अपने आप ही माफ हो जाएगी.
किसान कर्ज माफी चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा - आरटीआई एक्टिविस्ट
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति आशापुर के खिलाफ किसानों द्वारा बीमा और फसल ऋण माफी योजना के तहत हल्ला बोल किया है.आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था.

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति आशापुर के खिलाफ किसानों द्वारा बीमा और फसल ऋण माफी योजना के तहत हल्ला बोल किया है. आशापुर सेवा सहकारी समिति में कुल 1963 सदस्य हैं. जिनमें कई किसान ऐसे हैं जिनका ऋण माफ हुआ ही नहीं. वहीं कई किसान ऐसे हैं जिनकी बीमा राशि अभी तक नहीं आई है. इस पर उनका मानना है कि संस्था समिति द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इस पर पहले भी एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे.
समिति प्रमुख संतोष शर्मा का कहना है कि किसान झूठा आरोप लगा रहे हैं, उन्हें सही जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि सरकार द्वारा निर्देशित किया जाता है उसी के आधार पर वो काम करते हैं. ऋण माफी योजना और बीमा राशि पर किसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है.