खंडवा।कोरोना के चलते प्रदेश में पिछले 6 महीनों से बसों का परिवहन बंद था, जिसके चलते बसें जस की तस अपने स्थानों पर खड़ी रहीं. अब जब प्रदेश सरकार ने भले ही चलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन बस संचालकों को सवारी नहीं मिल रही हैं. जिससे बस ऑपरेटरों को ड्राइवर और कंडक्टर का और डीजल का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है. बंद पड़ी बसों में जंग लगने लगा है, जिस कारण बस ऑपरेटर परेशान हैं. हालात यह है कि बस ऑपरेटर अपना व्यवसाय बदलने का सोच रहे हैं.
संचालक बना रहे व्यापर छोड़ने का मन
खंडवा के बड़े बस ऑपरेटर सुनील आर्य ने बताया कि उनकी 35 गाड़ियां संचालित होती थी, लेकिन पिछले 6 महीने से सभी गाड़ियां बंद पड़ी हुई है, जिससे गाड़ियों की हालत खराब हो रही है. सरकार ने टैक्स माफी का आश्वासन दिया है, लेकिन यह आदेश अभी तक अमल में नहीं लाया गया है. लॉकडाउन के बाद जहां डीजल की कीमतों में 15-20 रूपए की वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार किराए बढ़ाने को लेकर के उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं. जिसके चलते व्यवसाय फिलहाल पूरी तरह ठप हो गया है. इक्का-दुक्का यात्री मिल रहे हैं, जिससे डीजल का खर्चा भी नहीं निकल रहा है, ऐसे में बस ऑपरेटर अब इस व्यवसाय को बदलने का विचार कर रहे हैं.