खंडवा। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर काउंटिग जारी है. बीजेपी ने मंधाता, बदनावर और बमोरी पर जीत दर्ज कर ली है. इसके अलावा भाजपा कई और सीटों पर निर्णायक बढ़त के साथ जीत की ओर अग्रसर है. निमाड़ अंचल की मांधाता सीट को भाजपा ने अपने नाम कर लिया है. दरअसल यह सीट कांग्रेस विधायक नारायण पटेल के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी. नर्मदा से घिरी इस विधानसभा सीट में ही विश्व प्रसिद्ध ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर का क्षेत्र भी आता है. लिहाजा इस सीट की राजनीतिक अहमियत बढ़ जाती है.
सीट का राजनैतिक गणित
2018 में कांग्रेस के टकिट पर चुनाव जीते नारायण पटेल कमलनाथ सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बीजेपी में शामिल हो गए थे और उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर मैदान में रहे, तो वहीं कांग्रेस ने नारायण पटेल के खिलाफ युवा प्रत्याशी उत्तम पाल सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा था. जो दो बार मांधाता से विधायक रहे कांग्रेस नेता राज नारायण सिंह के बेटे हैं.
मांधाता में अब तक 11 चुनाव हुए हैं
बात अगर मांधाता विधानसभा सीट के सियासी समीकरणों की जाए तो यह सीट बीजेपी के दबदबे वाली सीट मानी जाती है. लेकिन समय-समय पर कांग्रेस भी यहां जीत दर्ज करती रही हैं. इस सीट पर अब तक हुए 11 विधानसभा चुनाव में से 7 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की, तो तीन बार कांग्रेस ने बाजी मारी. जबकि एक बार निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत का स्वाद चखा है.
ठाकुर और गुर्जर वोटर्स का दबदबा
खंडवा जिले की चारों विधानसभा सीटों में से मांधाता ही सामान्य सीट है. लिहाजा यहां जातिगत समीकरण अहम माने जाते हैं. मांधाता में ठाकुर और गुर्जर मतदाता बड़ी संख्या में हैं. लिहाजा इन दोनों वर्ग के मतदाता किसी भी पार्टी की जीत में निर्णायक साबित होते हैं. जिस पार्टी को सभी समाज के वोट मिलेंगे, जीत उसी को मिलेगी. यही वजह है कि दोनों प्रमुख दल समाज विशेष से हटकर हर समाज को साथ लेकर चलने की बात कह रहे हैं.
लगभग 2 लाख वोटर्स
वहीं बात अगर मांधाता विधानसभा सीट के मतदाताओं की जाए तो यहां 1 लाख 96 हजार 306 मतदाता हैं. जिनमें 1 लाख 1 हजार 774 पुरुष मतदाता, तो 94 हजार 529 महिला मतदाता शामिल हैं. जो पहली बार उपचुनाव में मतदान कर अपने नए विधायक का चयन करेंगे.