भोपाल।खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Lok Sabha seat) पर बीजेपी हर हाल में जीत दर्ज करना चाहती है. क्योंकि यह सीट बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन चुकी है. इसका मुख्य कारण यह है कि एमपी में कुल 29 लोकसभा सीटें है, जिसमें से वर्तमान में 28 बीजेपी के पास थी. खंडवा के पूर्व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान देहांत के बाद भाजपा के पास 27 सीटें बची. अब बीजेपी अपनी इस सीट को वापस पाने में लगी हुई है.
इस सीट पर जीत हासिल करने के बाद केंद्र सरकार लोगों तक यह मैसेज भी पहुंचाना चाहती है कि जनता ने मंहगाई हो या फिर डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम, इन सबको दरकिनार कर फिर से मोदी सरकार पर भरोसा जताया है. बीजेपी केंद्रीय हाईकमान खुद इस सीट पर नजर रख रहा है.
इस सीट को हर हाल में जीतना है- मंत्री मोहन यादव
तीन विधानसभा उपचुनाव में तो बीजेपी पूरी मेहनत तो कर ही रही है, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता बीजेपी को खंडवा लोकसभा सीट की है. यहां पर चाहे संगठन के लोग हो या फिर सत्ता में मंत्री, सभी अपने कार्यकर्ताओं को समझा रहे हैं कि इस सीट पर जी जान लगा दो. इस पर केंद्रीय हाई कमान की नजर है. वे इस सीट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. खंडवा लोकसभा कि एक विधानसभा सीट पंधाना भी है. इसका जिम्मा उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को दिया है, जो कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि इस सीट को हर हाल में जीतना है, यहां पर केंद्र की निगाहे हैं.
बीजेपी में अभी अन्तर्कलह, दिगज्जों की ताबड़तोड़ सभाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां पर हर एक सीट का आकलन कर चुके हैं. उन्होंने जन दर्शन यात्रा भी निकाली, लेकिन पार्टी को यहां भितरघात का डर सता रहा है. एक वजह ये है कि बीजेपी को लग रहा था कि नंद कुमार सिंह के बेटे को टिकट देकर सहानुभूति वोट जुट जाएंगे, लेकिन केंद्रीय हाईकमान परिवारवाद को आगे नहीं बढ़ाना चाहता.