खंडवा।श्रीधूनी वाले दादाजी दरबार में गुरुपूर्णिमा (Guru Purnima 2021) पर्व 23 जुलाई को मनाया जाएगा. पर्व पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं. कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है. दरबार में निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति रहेगी.
देशभर के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं श्रद्धालु
श्रीदादाजी दरबार में गुरुपूर्णिमा धूमधाम के साथ मनाया जाता है. महाराष्ट्र सहित देशभर के अलग-अलग हिस्सों से हर साल करीब पांच लाख श्रद्धालु समाधि दर्शन के लिए आते हैं. इनमें से अधिकांश श्रद्धालु ऐसे भी होते हैं, जो निशान लेकर पदयात्रा करते हुए दादाजी के दरबार आते हैं. इस तरह से पदयात्रा करते हुए सैकड़ों किमी तय कर आने वाले महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है. इनकी आगवानी के लिए पूरा शहर जुटता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से दो साल से यह परंपरा टूट गई है. इस बार गुरु पूर्णिमा से पहले ही महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों से भक्त निशान चढ़ाने आ रहे हैं.
सैकड़ों किमी की यात्रा तय कर खंडवा पहुंचे भक्त
नागपुर, बैतूल, भैंसदेही, जलगांव, भुसावल, सहित महाराष्ट्र के अन्य जिलों से मंगलवार को भी निशान लेकर भक्तगण पदयात्रा करते हुए खंडवा पहुंचे. इससे शहर एक तरह से भक्तिमय हो गया. 'भज लो दादाजी का नाम, भजलो हरिहर जी का नाम' जपते हुए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय कर खंडवा पहुंचे श्रद्धालुओं के माथे पर सिकन तक नहीं थी. वे दादाजी की भक्ति में रमे हुए बस उनके नाम का जप करते हुए शहर के मुख्य मार्ग से गुजरे.
महिलाओं ने खींचा रथ
पांढूरना से आए रथ को महिलाओं ने खींचा. यहां उन्होंने दादाजी दरबार में निशान चढ़ाकर समाधी के दर्शन किए. बताया जाता है कि दिनभर दरबार में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला चलता रहा. श्रद्धालुओं ने समाधि दर्शन कर अखंड धूनी में नारियलों की आहूति भी दी.