खंडवा।लॉकडाउन का सबसे ज्यादा अच्छा असर प्रकृति पर हुआ है. 40 दिनों में देश के पर्यावरण में बहुत बदलाव आया. नदियों का पानी काफी साफ हो गया है. मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नर्मदा में भी इस दौरान काफी बदलाव आया. नर्मदा का पानी साफ हुआ तो इसमें ऑक्सीजन की मात्रा भी अधिक है.
प्रदेश में स्थित दूसरे ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भी नर्मदा अपने एक नए रूप के दर्शन करा रही है. यूं तो ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी का घाट सबसे चौड़ा होता जाता है, लेकिन लॉकडाउन के इस समय में मानवीय हस्तक्षेप न होने से नर्मदा अपने प्राकृतिक स्वरूप में आ गई हैं.
जल विशेषज्ञों की मानें तो नर्मदा का जल 40 दिनों में पहले जितना साफ हुआ है. ओंकारेश्वर के सभी घाटों पर श्रृद्धालुओं की भीड़ तो नहीं है. लेकिन फिर भी यहां एक अलौकिक शांति का अनुभव हो रहा है.
पाहाड़ियों सो खूबसूरत दिख रही नर्मदा स्थानीय लोगों कहना है कि लॉकडाउन से नर्मदा की स्थिति में अच्छा सुधार हुआ है, लोगों को अब ये ध्यान रखने की जरुरत है कि हमें नर्मदा को इतना ही साफ रखना है. ताकि इसकी निर्मलता बनी रही.
लॉकडाउन में साफ हुई नर्मदा से यह बात भी पता चलती है. बेवजह नर्मदा के पानी का दोहन होने से और अवैध रेत खनन से नदी के पर नकारात्म प्रभाव पड़ता है. ऐसे में जरूरत है कि नर्मदा को साफ रखा जाए.