कटनी| देश के लिए शहीद हुए सैनिकों के परिजनों के लिए सरकार बडी-बड़ी घोषणाएं करती है. लेकिन देश के लिए कुर्बान शहीदों के परिजन आज भी सरकारी मदद के लिए भटक रहे हैं और शहीदों के परिजनों की आंखें आज भी उन्हें याद करते हुए नम हो जाती हैं.
शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद के परिजनों को नहीं मिली कोई आर्थिक सहायता, दर- दर की ठोकर खाने को हैं मजबूर
कटनी जिले के परमानंद पटेल को असम में उग्रवादियों ने 7 फरवरी 2001 को मार गिराया था. शहीद परमानंद के परिजन सरकार की सहायता न मिलने से नाराज हैं.
शहीद के परिजनों को नहीं मिली कोई आर्थिक सहायता
शौर्य चक्र से सम्मानित कटनी जिले के परमानंद पटेल को असम में उग्रवादियों ने 7 फरवरी 2001 को मार गिराया था. भारी गोलीबारी और हथगोले से घायल परमानंद देश के लिए शहीद हो गए. लेकिन शहीद परमानंद के परिजन सरकार की तरफ से कोई सहायता न मिलने से नाराज हैं. उनके बच्चे आज भी नौकरी के लिए दर- दर की ठोकरें खा रहे हैं. लेकिन उन्होंने आस नहीं छोड़ी है.