कटनी। ट्रेन आते ही रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म की ओर दौड़ते कुली इन दिनों स्टेशन में एक किनारे बैठे नजर आ रहे हैं. दुनियाभर का बोझ उठाने के लिए हमेशा आगे रहने वाले कुलियों को इन दिनों खुद की जिंदगी बोझिल लगने लगी है. कोरोना काल में पहले लगे लॉकडाउन के कारण बंद ट्रेन और फिर अनलॉक के दौरान कम संख्या में आ रही ट्रेनों से कोई आमदनी नहीं होने के कारण कुली परेशान हैं.
कोरोना संक्रमण ने छीना कुलियों का रोजगार महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है कटनी
कटनी एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है, जहां से पांच दिशाओं में ट्रेनों का आवागमन होता है. कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों की आवाजाही पर लगी रोक के बाद पिछले चार महीने से मुख्य रेलवे स्टेशन में काम करने वाले 48 कुली और मुड़वारा स्टेशन के 15 कुली के सामने परिवार को पालने की परेशानी बनी हुई है. सरकार ने भले ही कुछ ट्रेनों को चलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन कोरोना के चलते कुलियों को काम नहीं मिल पा रहा है.
नहीं हो रही कमाई
देशभर को आर्थिक मार दे रही कोरोना महामारी से रेलवे स्टेशन में सामान उठाकर अपना गुजर बसर करने वाले कुली इन दिनों परेशान हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन के पहले तक जहां कुली दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर रहे थे, वहीं अब ट्रेनें बंद होने और काफी कम संख्या में चलने से कुलियों की कमाई नहीं हो पा रही है.
सरकार नहीं दे रही ध्यान
कटनी रेलवे जंक्शन पर मौजूद कुलियों का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के दौरान बेहाल गरीबों पर तो सरकार ने ध्यान दिया है लेकिन आज तक उन पर और उनके परिवार पर ध्यान नहीं दिया है. लॉकडाउन के रोजी-रोटी के संकट के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कुली बताते हैं कि कुछ ट्रेनें तो चल पड़ी है इस कारण वे स्टेशन तो आ गए हैं लेकिन यहां दिनभर इंतजार करने के बाद भी बोहनी तक नहीं होती है. एक भी पैसा हाथ में नहीं आ रहा है.
कोरोना संक्रमण का डर
कुली बताते हैं कि ट्रेन में आ रही ज्यादातर सवारियों कोरोना संक्रमण को देखते हुए खुद ही अपना सामना उठा रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं कोरोना संक्रमण न फैल जाए. ऐसे में इन दिनों कुली के हाथों एक रुपए की कमाई भी नसीब नहीं हो रही है. ऐसे हालातों को देखते हुए कुली सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.