कटनी। कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अपनी बेटी के साथ धरने पर बैठी महिला जिला प्रशासन और शासन दोनों को नीतियों से परेशान हैं. लोन के लिए वर्षों से दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद जब कुछ हासिल नहीं हुआ, तब महिला ने अफसरों को जगाने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गई. भूख हड़ताल पर बैठे महिला रश्मि जयसवाल ने बताया कि वह एक तलाकशुदा है, उनके संरक्षण में 16 साल की बेटी है आज उनके जीविका के लिए कोई साधन नहीं है, लोन के लिए सालों से भटक रही हैं, लेकिन बैथ बस चक्कर कटवा रहे है.
बेटी के साथ भूख हड़ताल पर बैठी महिला, लोन क्लीयरेंस नहीं होने पर प्रशासन से मांगी मदद - Woman hunger strike with daughter in Katni
पांच साल से बैंक और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद लोन क्लीयरेंस न होने पर एक असहाय महिला कटनी कलेक्ट्रेट के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गई है.
![बेटी के साथ भूख हड़ताल पर बैठी महिला, लोन क्लीयरेंस नहीं होने पर प्रशासन से मांगी मदद Helpless woman sitting on hunger strike with daughter in Katni](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8995086-thumbnail-3x2-img1.jpg)
रश्मि जयसवाल ने बताया कि स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित उद्योग विभाग में लोन के लिए अप्लाई किया और लोन पास भी हुआ, लेकिन बैंक की ओर से रिजेक्ट कर दिया जा रहा है. ऐसा नहीं कि एक बार बल्कि लगातार कई बार कई बहाने कर बैंक से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. लोन के लिए लगभग 5 साल से अधिकारियों व बैंक के चक्कर लगा लगा कर थक हार गई तब जाकर कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गई है.
अधिकारियों को जब यह जानकारी लगी कि एक महिला, परिषद के बाहर प्रदर्शन कर रही है, तो वह उससे मिलने पहुंचे, उनकी समस्या का निराकरण करने के बजाय उन्हें परिषर में धारा 144 लागू होने का हवाला देकर कलेक्ट्रेट परिसर से दूर बैठने को कहा, पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा कि वो स्वयं के व्यवसाय कर सक्षम बनना चाहती है, ताकि अपने और अपनी बेटी का भरण-पोषण बेहतर ढंग से कर सके, लेकिन महिलाओं को सक्षम बनाने वाली योजनाओं से महिलाओं का नाम गायब कर दिया जाता है
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