कटनी। केंद्र व राज्य सरकार निर्धन-असहाय जनों को सस्ता-सुलभ उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से आयुष्मान कल्याण योजना शुरु किया था, ताकि गरीब भी प्राइवेट व निजी अस्पताल (GG Nursing Home fraud with Ayushman card holders) में इलाज करा सके. कुछ दिन पूर्व कटनी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा बरगवां नेहरू वार्ड में भ्रमण कर राह चलती महिलाओं से पूछते नजर आए थे कि उन्हें आयुष्मान कार्ड से अस्पताल में इलाज कराने का लाभ मिल रहा है या नहीं. जिसने आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है वो बनवा ले. तब कुछ महिलाओं ने सांसद को बताया था कि कहीं कोई लाभ नहीं मिलता आयुष्मान कार्ड का. यह बात तो तय है आमजन गरीब को लाभ मिले या न मिले, लेकिन निजी अस्पताल इस योजना के नाम का लाभ अवश्य ले रहे हैं.
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कलेक्टर से गुहार भी नहीं दिला पाई इंसाफ
मामला-1: 80 वर्षीय निर्धन फदाली राम पटेल ने निजी क्लीनिक में इलाज कराया, जहां उनसे 70 से 80 हजार रुपये ऐंठ लिए गए और आयुष्मान कार्ड के जरिए ₹32310 जीजी नर्सिग होम के संचालक डॉक्टर विकास गुप्ता ने निकलवा लिया. वृद्ध ने कटनी कलेक्टर को आवेदन देकर अस्पताल द्वारा ली गई नकदी वापस दिलाने की गुहार लगाई, जिस पर C.M.H.O. प्रदीप मुड़िया को जांच के लिए कलेक्टर ने आदेशित किया था, पर आज तक उसका मुकम्मल हल नहीं निकल सका.
इलाज का 2-2 बार चार्ज वसूल रहा अस्पताल
मामला-2: कुछ दिनों बाद जीजी नर्सिंग होम में ही शंकर लाल विश्वकर्मा ने इलाज कराया था. पीड़ित ने कटनी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, कटनी SDM, CMHO को आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाया था. आवेदन में बताया कि रीढ़ की हड्डी टूटने पर जीजी नर्सिंग होम में इलाज कराया था, जहां डॉक्टर विकास गुप्ता ने 22 हजार और 50 हजार रुपये दो किश्तों में जमा करवाया था. फिर आयुष्मान कार्ड भी जमा करा लिया और 15 दिन बाद जब अस्पताल से छुट्टी हुई तब ये कहकर आयुष्मान कार्ड वापस कर दिया कि तुम्हारा कार्ड से इलाज नहीं हो सकता, जबकि उसी आयुष्मान ID से 54000 रुपए की राशि निकाली गई है.