कटनी । लॉकडाउन का लगातार तीसरा दौर चल रहा है, वहीं कर्ज की दोहरी मार के बीच किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है, जहां प्रशासन की लापरवाही के चलते औने-पौने दाम पर किसान अपनी फसल बेचने को मजबूर हो रहे हैं.
कम दाम में ही फसल बेचने को मजबूर किसान, उपार्जन केंद्र में अव्यवस्थाएं
कटनी में कर्ज के बढ़ते ब्याज से परेशान किसान अपनी फसलों को औने-पौने दामों में बेच रहे हैं. किसान 150 से 200 रुपए में अपनी फसल बेच रहे हैं. वहीं प्रशासन ने गेहूं की न्यूनतम राशि 1950 रुपए रखी है.
मामला कटनी जिले का है. जहां तुरंत पैसे पाने के लिए किसान डेढ़ सौ से 200 रुपए में ही अपनी फसल बेच रहे हैं. वैसे तो शासन ने गेहूं का न्यूनतम मूल्य 19 सौ 50 रुपए निर्धारित कर रखा है. लेकिन खरीदी केंद्रों पर प्रशासन की लापरवाही के चलते किसान सरकारी खरीदी केंद्रों की वजह मंडी में अपना अनाज बेच रहे हैं. किसानों के मुताबिक उन्होंने फसल उगाने के लिए कर्ज ले रखा है और जैसे-तैसे दिन बीत रहे हैं. कर्ज का ब्याज बढ़ता जा रहा है. ऐसे में जल्द से जल्द अपनी फसल बेचकर कर्ज मुक्त होना चाहते हैं. अगर वो शासन की खरीदी केंद्र में अपना अनाज बेचते हैं तो उन्हें पैसे के लिए 20 दिन से 1 महीने तक का इंतजार करना पड़ेगा.
वहीं प्रशासन की एक और लापरवाही सामने आई है, मंडी में बिना पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) के बिना ही मंडी में खरीदी का काम चल रहा है. सेनिटाइजर की भी व्यवस्था नहीं है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है. एक तरफ प्रशासन का दावा है कि वो सभी खरीदी केंद्रों पर पीपीई किट और सेनिटाइजर मुहैया करवा चुके हैं. वही मंडी के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अभी किट और सेनिटाइजर का इंतजार है.