कटनी। जिले के बड़वारा इलाके में प्रतिबंध के बाद भी खेत में आग लगाकर उर्वरक क्षमता को नष्ट किया जा रहा है. दरअसल जिला प्रशासन ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए फसल काटने के बाद खेत में आग लगाने पर रोक लगा दी थी, ताकि खेतों की उर्वरक शक्ति को कम होने से रोका जा सके और किसान ज्यादा से ज्यादा फसल की उपज कर सके.
प्रतिबंध के बाद भी खेत में लगाई जा रही आग, जमीन को कर रहे बंजर
जिला प्रशासन ने किसानों के हित में फैसला लिया था जिसमें खेतो में किसान आग न लगाए और उर्वरक शक्ति को कम करके ज्यादा फसल पैदा कर सकें. लेकिन भुड़सा गांव में एक किसान ने गेहूं के खेत में आग लगा दी.
लेकिन इन आदेशों का प्रचार-प्रसार करने की जगह कृषि कार्यालय के फाइलों में दफन कर दिया गया है. ऐसा ही कुछ बड़वारा क्षेत्र के भुड़सा गांव में देखने को मिला. जहां गेहूं की फसल काटने के बाद एक किसान ने कई एकड़ के खेत मे आग लगा दी, किसानों की माने तो आग लगाने से फसल की उपज में वृद्धि के साथ-साथ और भी अन्य फ़ायदे मिलते हैं.
जबकि हकीकत ये है कि कृषि विभाग ने किसानों को सही जानकारी नहीं दी है, जिसके चलते किसान अंधविश्वास का शिकार हो रहे हैं. जब इस पूरे मामले में बड़वारा कृषि अधिकारी से दूरभाष के माध्यम से बात की गई, तो वह लॉकडाउन का हवाला देते हुए मामले से बचते नजर आए.