कटनी। सरकारें ग्राम पंचायतों में लोगों को सभी सुविधाएं और रोजगार उपलब्ध कराने के लाख दावे करती रहें. लेकिन जमीनी हकीकत विकास के कामों से कोसों दूर नजर आती है. जिसका नमूना देखने को मिला कटनी जिले की जुझारी ग्राम पंचायत में. यहां के सरपंच ने विकास के नाम पर ऐसा गोलमाल किया कि सब भौचक्के रह गए. हर काम का बोर्ड तो लग गया, लेकिन लाखों के झोल में विकास का काम गोल हो गया. इलाके में एक भी विकास का काम पूरा नहीं हुआ.
भ्रष्टाचार का घरेलू खेल
जुझारी के सरपंच रतीराम पटेल की पत्नी पहले सरपंच थी. उनके कार्यकाल में कहने को पंचायत में नल-जल योजना, पक्की सड़क, खेल मैदान, तालाब सब कुछ बनवाया गया. लेकिन न तो खेल का मैदान तैयार हुआ, न गांव में नल-जल योजना शुरू हुई. जबकि तालाब और सड़कें तो सिर्फ कागजों पर ही बनी हैं. सभी कामों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ. जिससे पूरे गांव को आज परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीण ठगे गए
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच ने विकास के कामों पर लाखों रूपए डकार लिए. लेकिन काम कुछ भी नहीं हुआ. कई बार अधिकारियों से भी शिकायत की गई. लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई. जिला पंचायत सदस्य डॉ. ए.के. खान भी कुछ इसी तरह के आरोप लगाते नजर आते हैं. उनका कहना है कि सरपंच की दबंगई से कोई कुछ नहीं कह पाता. जिससे सबकी नाक के नीचे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. मामले में जिला पंचायत सीईओ को शिकायत पत्र सौंपा गया था. लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.
जिला पंचायत सीईओ का एक्शन
मामले में जब जिला पंचायत सीईओ से बात की गई तो उन्होंने जुझारी ग्राम पंचायत की सभी पहलुओं पर जांच कराए जाने की बात कही है. अधिकारी कुछ भी कहें, लेकिन विकास के नाम पर जनप्रतिनिधियों का इस तरह भ्रष्टाचार करना सिस्टम पर सवाल खड़े करता है. ग्राम पंचायत जुझारी की स्थिति यह है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी यहां आज तक कार्रवाई नहीं हुई. जिससे जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के अधिकारी संदेह के घेरे में आ जाते हैं.