झाबुआ। इस बार दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण(surya grahan 2022) है. भारतीय समय के अनुसार दोपहर 4 बजकर 31 मिनट पर इसका स्पर्श होगा और शाम 5 बजकर 57 मिनट पर मोक्ष होगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व सूतक काल आरंभ हो जाता है (sutak before surya grahan) और सूतक शुरू होते ही शुभ कार्य करने की मनाही होती है. पूजापाठ के कार्य भी बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान सभी मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और प्रतिमा को छूने पर भी पाबंदी होती है. इसके बावजूद झाबुआ में एक ऐसा मंदिर है, जो ग्रहण काल में भी कभी बंद नहीं होता. जानिए ऐसा कौन सा मंदिर है, जिसके सूतक काल में भी भक्तों के लिए पट बंद नहीं होते हैं. (surya grahan 2022) (jhabua temple doors not close during surya grahan) (govardhan nath door open during surya grahan)
ग्रहण में भी खुले रहेंगे इस मंदिर के पट: जी हां ये मंदिर प्राचीन श्री गोवर्धन नाथजी की हवेली है. यहां भगवान की बाल स्वरूप प्रतिमा होने से ग्रहण काल में इन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा जाता. इसलिए ग्रहण होने पर भी नियत समयानुसार ही मंदिर के पट खोले जाते हैं. इस दौरान भगवान काले वस्त्रों में भक्तों को दर्शन देते हैं. मंदिर के मुखिया दिलीप आचार्य ने बताया ग्रहण काल में सूतक लगने के साथ झाबुआ के सभी मंदिरों में भगवान की प्रतिमा को वस्त्र से ढंक दिया जाएगा और ग्रहण का मोक्ष होने तक मंदिर के पट बंद रहेंगे. सिर्फ वल्लभ पुष्टिय मार्ग की गोवर्धननाथ जी की हवेली के दर्शन खुले रहेंगे, क्योंकि यहां भगवान की बाल स्वरूप प्रतिमा है. ग्रहण काल में भगवान काले वस्त्रों में विराजित होते हैं. इस अवधि में भक्त श्रीगोवर्धननाथजी की हवेली में आकर भगवान के भजन और जाप कर सकते हैं.