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Surya Grahan 2022: ग्रहण काल में भी इस मंदिर के खुल रहेंगे पट, काले वस्त्रों में दर्शन देंगे भगवान

दीपावली के दूसरे दिन ग्रहण है. वहीं ग्रहण (surya grahan 2022) लगने से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. जिसमें किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते हैं. वहीं सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं, इस दौरान कोई भक्त भगवान के मंदिर में ना जा सकता है और न दर्शन कर सकता है, लेकिन झाबुआ में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां ग्रहण में भी पट बंद नहीं होते हैं और भगवान अपने भक्तों को दर्शन भी देते हैं. (surya grahan 2022) (jhabua temple doors not close during surya grahan) (govardhan nath door open during surya grahan) (date time in india solar eclipse 2022) (sutak before surya grahan)

Surya Grahan 2022
दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण

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Published : Oct 21, 2022, 4:49 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 6:55 PM IST

झाबुआ। इस बार दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण(surya grahan 2022) है. भारतीय समय के अनुसार दोपहर 4 बजकर 31 मिनट पर इसका स्पर्श होगा और शाम 5 बजकर 57 मिनट पर मोक्ष होगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व सूतक काल आरंभ हो जाता है (sutak before surya grahan) और सूतक शुरू होते ही शुभ कार्य करने की मनाही होती है. पूजापाठ के कार्य भी बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान सभी मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और प्रतिमा को छूने पर भी पाबंदी होती है. इसके बावजूद झाबुआ में एक ऐसा मंदिर है, जो ग्रहण काल में भी कभी बंद नहीं होता. जानिए ऐसा कौन सा मंदिर है, जिसके सूतक काल में भी भक्तों के लिए पट बंद नहीं होते हैं. (surya grahan 2022) (jhabua temple doors not close during surya grahan) (govardhan nath door open during surya grahan)

ग्रहण में भी खुले रहेंगे इस मंदिर के पट: जी हां ये मंदिर प्राचीन श्री गोवर्धन नाथजी की हवेली है. यहां भगवान की बाल स्वरूप प्रतिमा होने से ग्रहण काल में इन्हें कभी अकेला नहीं छोड़ा जाता. इसलिए ग्रहण होने पर भी नियत समयानुसार ही मंदिर के पट खोले जाते हैं. इस दौरान भगवान काले वस्त्रों में भक्तों को दर्शन देते हैं. मंदिर के मुखिया दिलीप आचार्य ने बताया ग्रहण काल में सूतक लगने के साथ झाबुआ के सभी मंदिरों में भगवान की प्रतिमा को वस्त्र से ढंक दिया जाएगा और ग्रहण का मोक्ष होने तक मंदिर के पट बंद रहेंगे. सिर्फ वल्लभ पुष्टिय मार्ग की गोवर्धननाथ जी की हवेली के दर्शन खुले रहेंगे, क्योंकि यहां भगवान की बाल स्वरूप प्रतिमा है. ग्रहण काल में भगवान काले वस्त्रों में विराजित होते हैं. इस अवधि में भक्त श्रीगोवर्धननाथजी की हवेली में आकर भगवान के भजन और जाप कर सकते हैं.

ग्रहण काल में भी इस मंदिर के खुल रहेंगे पट

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ग्रहण का स्पर्श होने के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएंगे नियम:ज्योतिषाचार्य पंडित हिमांशु शुक्ल के अनुसार ग्रहण का स्पर्श शाम को 4 बजकर 31 मिनट पर होगा. उसका मध्य काल शाम को 5 बजकर 14 मिनट है और मोक्ष काल 5 बजकर 57 मिनट पर है. चूंकि ग्रहण काल का सूतक 12 घंटे पूर्व लग जाता है, इसलिए सुबह 4 बजकर 31 मिनट से ही इसके नियम प्रारंभ हो जाएंगे. यानी देवालय एक दिन पूर्व में ही शयन के पश्चात बंद रहेंगे. पंडित शुक्ल ने बताया ग्रहण काल में भोजन करना निषिद्ध माना गया है. जहां तक संभव हो, अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए. केवल छोटे बच्चे, गर्भवती महियाएं, अशक्त और वृद्धजन के लिए नियमों में छूट है. प्रयास करें कि 1 घंटा 16 मिनट का जो ग्रहण काल है, उसमें अन्न और जल का त्याग करें. उस समय भगवत भजन करें. शाम को 5 बजकर 57 मिनट पर ग्रहण के मोक्ष उपरांत सभी मंदिरों के पट खुलेंगे शुद्धि होगी. भगवान के श्रृंगार, आरती इत्यादि सब कुछ इसके बाद होगा. (surya grahan 2022) (jhabua temple doors not close during surya grahan) (govardhan nath door open during surya grahan) (date time in india solar eclipse 2022) (sutak before surya grahan)

Last Updated : Oct 21, 2022, 6:55 PM IST

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