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MY हॉस्पिटल में हुआ चार हाथ-पैर वाले नवजात का ऑपरेशन, मिली नई जिंदगी - हेट्रोफोगस पैरासिटिक कंज्वाइंड ट्विन्स

प्रदेश का सबसे बड़ा एमवाय हॉस्पिटल यूं तो अपनी लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार एमवाय हॉस्पिटल एक अनूठे ऐतिहासिक ऑपरेशन की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में है.

Successful operation of a baby in MY hospital
चार हाथ पैर वाले बच्चे का ऑपरेशन

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Published : Oct 24, 2020, 6:46 PM IST

इंदौर।प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल एमवाय यूं तो अपनी लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार एमवाय हॉस्पिटल एक अनूठे ऐतिहासिक ऑपरेशन की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां हेट्रोफोगस पैरासिटिक कंज्वाइंड ट्विन्स (Heterophogous Parasitic Conjunct Twins) बीमारी से ग्रसित बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया और उसकी जिंदगी बचा ली गई. झाबुआ का ये बच्चा 12 तारीख को इंदौर लाया गया, जिसे स्पेशल डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेट करने का फैसला लिया और सफलतापूर्वक सर्जरी कर बच्चे को नई जिंदगी दी.

डॉक्टर

झाबुआ में जन्मा था बच्चा
हेट्रोफोगस पैरासिटिक कंज्वाइंड ट्विन्स (Heterophogous Parasitic Conjunct Twins) एक दुर्लभ जन्मजात बीमारी लिए इस बच्चे का जन्म 9 अक्टूबर को झाबुआ के मेघनगर निवासी अल बुश और मोनिका वसुनिया के घर हुआ था. मजदूर परिवार होने के कारण मां मोनिका की कोई सोनोग्राफी अथवा कोई टीके नहीं लगे. जिस कारण स्थानीय स्वास्थ्य अमले को भी इसकी जानकारी नहीं थी. जब घर पर ही बच्चे का जन्म हुआ तो बच्चे को देखकर परिजन खासे डर गए, लेकिन बच्चे को स्वास्थ्य पाकर बिना अंधविश्वास में पड़े हुए दोनों बच्चे को लेकर इंदौर के एमवाय अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों की सलाह पर दोनों बच्चे का ऑपरेशन कराने को तैयार हुए.

बच्चे की मां

माता पिता हैं काफी खुश
झाबुआ के मेघनगर स्थित आदिवासी अंचल में जिस दुर्लभ बच्चे ने विकृत रूप से जन्म लिया था अंधविश्वास की भेंट चढ़ने से पहले अपने परिवार की जागरूकता के कारण उसे नई जिंदगी मिल सकी है. बच्चे को एमवाय अस्पताल लाया गया, जहां 12 अक्टूबर को 3 घंटे के जटिल ऑपरेशन से बच्चे की जान बचाई जा सकी. बच्चे की मां और पिता अपने मासूम को नई जिंदगी मिलने से खासे खुश हैं.

कैसा था बच्चा
यह एक तरह से जुडवा बच्चे ही थे, एक बच्चा पूर्ण विकसित हुआ और दूसरे बच्चे का विकास गर्भ में नहीं हो सका. दूसरे बच्चे के सिर्फ दो हाथ दो पैर पेट की आंतों एक किडनी ही विकसित हो पाई थी, जो अपने आप में पूरा नहीं था और दूसरे बच्चे के सहारे परजीवी था.

बच्चा और इसकी मां

डॉक्टरों की इस टीम ने किया सफल ऑपरेशन
एमवाय अस्पताल के शिशु सर्जरी विभाग के डॉक्टर बृजेश लाहोटी, डॉ. अशोक लड्ढा, डॉ. शशि शंकर शर्मा, डॉ. तनुज अहीरवाल और डॉ. पूजा तिवारी ने 3 घंटे के जटिल और सफल ऑपरेशन के बाद मासूम बच्चे के शरीर से अतिरिक्त हाथ पैर और अन्य हिस्सों को अलग किया. डॉक्टरों के मुताबिक यह एक दुर्लभ प्रकार की सर्जरी थी, जिसमें बच्चे को बचने के एक परसेंट ही चांस होता है.

ऑपरेशन के बाद बच्चा

एमवाय अस्पताल ने फ्री में किया ऑपरेशन
एमवाय अस्पताल प्रशासन के मुताबिक बीते 24 सालों में यह चौथा सफल ऑपरेशन है, जिसमें मासूम को नई जिंदगी मिली है. इस बच्चे को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती यह भी थी कि बच्चे के माता-पिता मजदूरी करते हैं, जो इस बच्चे का निजी स्तर पर कहीं भी इलाज कराने के काबिल नहीं थे. इंदौर के एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे का निशुल्क ऑपरेशन किया.

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