इंदौर।प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल एमवाय यूं तो अपनी लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार एमवाय हॉस्पिटल एक अनूठे ऐतिहासिक ऑपरेशन की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां हेट्रोफोगस पैरासिटिक कंज्वाइंड ट्विन्स (Heterophogous Parasitic Conjunct Twins) बीमारी से ग्रसित बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया और उसकी जिंदगी बचा ली गई. झाबुआ का ये बच्चा 12 तारीख को इंदौर लाया गया, जिसे स्पेशल डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेट करने का फैसला लिया और सफलतापूर्वक सर्जरी कर बच्चे को नई जिंदगी दी.
झाबुआ में जन्मा था बच्चा
हेट्रोफोगस पैरासिटिक कंज्वाइंड ट्विन्स (Heterophogous Parasitic Conjunct Twins) एक दुर्लभ जन्मजात बीमारी लिए इस बच्चे का जन्म 9 अक्टूबर को झाबुआ के मेघनगर निवासी अल बुश और मोनिका वसुनिया के घर हुआ था. मजदूर परिवार होने के कारण मां मोनिका की कोई सोनोग्राफी अथवा कोई टीके नहीं लगे. जिस कारण स्थानीय स्वास्थ्य अमले को भी इसकी जानकारी नहीं थी. जब घर पर ही बच्चे का जन्म हुआ तो बच्चे को देखकर परिजन खासे डर गए, लेकिन बच्चे को स्वास्थ्य पाकर बिना अंधविश्वास में पड़े हुए दोनों बच्चे को लेकर इंदौर के एमवाय अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों की सलाह पर दोनों बच्चे का ऑपरेशन कराने को तैयार हुए.
माता पिता हैं काफी खुश
झाबुआ के मेघनगर स्थित आदिवासी अंचल में जिस दुर्लभ बच्चे ने विकृत रूप से जन्म लिया था अंधविश्वास की भेंट चढ़ने से पहले अपने परिवार की जागरूकता के कारण उसे नई जिंदगी मिल सकी है. बच्चे को एमवाय अस्पताल लाया गया, जहां 12 अक्टूबर को 3 घंटे के जटिल ऑपरेशन से बच्चे की जान बचाई जा सकी. बच्चे की मां और पिता अपने मासूम को नई जिंदगी मिलने से खासे खुश हैं.