झाबुआ। बीते 6 सालों से झाबुआ जिले में रॉक फास्फेट कई खदानें बंद हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए दूसरे शहरों की तरफ पलायन करना पड़ता है. झाबुआ जिले में रॉक फास्फेट अच्छी मात्रा में मिलता है. लेकिन प्रशासन की उदासीनता और लापरवाहियों से खदाने बंद बड़ी हैं. जिससे न सिर्फ लोगों का रोजगार गया है. बल्कि प्रदेश सरकार को मिलने वाले राजस्व को भी इन खदानों के बंद होने से नुकसान हो रहा है.
रॉक फास्फेट की खदानें बंद होने से छिन गया हजारों मजदूरों का रोजागार, क्या ऐसे आत्मनिर्भर बनेगा भारत - रॉक फास्फेट खदान बंद होने से मजदूर परेशान
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर उद्योग- धंधे शुरु करने की बात कह रहे हैं, ताकि लोगों को रोजगार के लिए बाहर न जाने पड़े. लेकिन आज देश के कई हिस्सों में स्थानीय स्तर पर कई बड़ी फैक्ट्रियां और प्लांट बंद पड़े हैं. जिससे मजदूर परेशान हो रहे हैं.
झाबुआ न्यूज
खदानें बंद होने से नुकसान
- मध्य प्रदेश सरकार को मिलने वाले करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि
- वर्तमान में विदेशी रॉक आने से विदेशी मुद्रा भंडार का नुकसान
- खदान बंद होने से हजारों लोगों छिना रोजगार
- क्षेत्र व्यापार व्यवसाय को हुआ नुकसान
- उद्योगपतियों को वित्तीय हानि होने से निवेशकों ने बनाई मध्य प्रदेश से दूरी
- खदान बंद होने से औद्योगिक क्षेत्र में नहीं लग रहे नए उद्योग