झाबुआ। जिले में प्रधानमंत्री की गरीब कल्याण रोजगार अभियान अपने शुभारंभ में ही प्रशासनिक लापरवाही और लेटलतीफी की भेंट चढ़ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया था. झाबुआ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण वेबकास्टिंग के माध्यम से किया जाना था और इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर सहित जिला पंचायत सीईओ की मौजूदगी में ग्राम प्रधानों के साथ प्रवासी मजदूरों की आधिकाधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश शासन ने दिए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम 11 बजे शुरू हुआ मगर कलेक्टर कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष के ताले 11.20 बजे खोले गए. जिसके चलते कहीं विकास खंडों से बुलाए गए जनपद सीईओ हॉल के बाहर खड़े दिखाई दिए.
मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को इस कार्यक्रम में प्रवासी मजदूरों और जिला पंचायत की प्रशासकीय की समिति के प्रधान को मौजूद रहने के निर्देश दिए थे. मगर कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ खुद इस कार्यक्रम से नदारद रहे.
प्रधानमंत्री की इस योजना में मध्य प्रदेश के 24 जिले सम्मिलित हैं, जिसमें आदिवासी बहुल झाबुआ भी सम्मिलित है. केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना में जनप्रतिनिधियों को ना बुलाने पर भारतीय जनता पार्टी भी आग बबूला है.
भाजपा नेता और प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शैलेश दुबे ने इस मामले को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तक ले जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मोदी की इस महत्वकांक्षी योजना के लॉन्चिंग के दौरान जिला प्रशासन अव्यवहारिकता समझ से परे है.