झाबुआ।विश्वव्यापी महामारी कोरोना के संकट से उद्योग जगत बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. आर्थिक मंदी की मार झेलने के बाद अब उद्योग-धंधों को कोरोना के कहर ने आर्थिक बदहाली की कगार पर खड़ा कर दिया है. देशभर में पिछले एक महीने से औद्योगिक रफ्तार थम सी गई है, जिसका असर बाजार में साफ तौर पर दिखने लगा है. औद्योगिक उत्पादन ना होने से जिले के कारखानों में तालाबंदी जैसे हालात बनते जा रहे हैं.
मेघनगर: लॉकडाउन के चलते कारखानों में उत्पादन ठप, उद्योगपतियों की सरकार से गुहार
कोरोना वायरस को लेकर देशभर में लागू लॉकडाउन का असर झाबुआ के मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में भी दिखने लगा है. लॉकडाउन के चलते छोटे-बड़े सभी उद्योग-धंधे बंद होते जा रहे हैं. बंद पड़े कारखानों के कारण उद्योगपतियों पर कर्ज की मार पड़ रही है, जिस कारण उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है.
जिले के मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में जनता कर्फ्यू के बाद सभी कारखाने बंद पड़े हैं. कई कारखाने संचालकों ने लॉकडाउन के चलते यहां से पलायन भी कर लिया है, जिसके चलते कारखानों में उत्पादन ठप पड़ा है. केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियों को फिर से सशर्त चालू करने की बात कही गई है. मगर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था और कच्चे माल की आपूर्ति ना होने से कारखानों को शुरू कर पाना उद्योगपतियों के लिए मुश्किल होता जा रहा है. सैकड़ो की संख्या में प्रशिक्षित मजदूरों ने भी लॉकडाउन के चलते यहां से पलायन कर लिया है, जिससे फैक्ट्रियों में कामकाज प्रभावित हो रहा है.
मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में 100 से अधिक छोटे-बड़े कल कारखाने स्थापित है. लेकिन आर्थिक मंदी और कच्चे माल की कमी के चलते रॉक फास्फेट आधारित उद्योग पहले ही बंद हो चुके थे. इधर कोरोना वायरस ने मध्यम और छोटे उद्योगों के लिए आर्थिक समस्याएं और बढ़ा दी हैं. कारखानों में होने वाले खर्च और उत्पादन ना होने के चलते बढ़ रहे कर्ज के चलते उद्योगपतियों ने सरकार से राहत की गुहार लगाई है.