झाबुआ। जिले के संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले महेश शर्मा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पदमश्री से सम्मानित किया. महेश शर्मा हलमा की परंपरा के माध्यम से जन सरोकार के लिए काम करते हैं.
पद्मश्री से सम्मानित महेश शर्मा ने आदिवासी इलाकों में किया हैं ये महत्वपूर्ण काम - सम्मानित
जिले के संरक्षण और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले महेश शर्मा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पदमश्री से सम्मानित किया. महेश शर्मा हलमा की परंपरा के माध्यम से जन सरोकार के लिए काम करते हैं.
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दतिया जिले के घोंगसी गांव के निवासी महेश शर्मा ने 1988 में झाबुआ को अपना कर्म क्षेत्र बनाया. वहीं उन्होंने 2007 तक वनवासी कल्याण परिषद के सिपाही के रूप में जनहितैषी और जनजागरूकता अभियान चलाया. जिसके बाद गांव में पानी के लिए आदिवासी इलाके में जनजाति मान्यताओं और पुरानी परंपराओं को आधार बनाकर यहां के स्थानीय लोगों के साथ सामूहिक श्रमदान के माध्यम से जनसरोकार के लिए काम करते हैं. वहीं उन्होंने लोगों को पानी की महत्ता के प्रति जागरूक कर सामूहिक श्रमदान से कई तलाब बनवाए हैं. जिसके चलते उन्हें पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इस कार्यक्रम के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मंत्री उपस्थित रहे. अंचल का प्रतिनिधित्व करने वाले महेश शर्मा को मिले इस सम्मान से लोगों में भी काफी उत्साह रहा.