झाबुआ।आदिवासी समुदाय के मजदूर हर साल रोजी-रोटी के लिए भारत के अलग-अलग राज्यों में पलायन करते हैं. कोरोना संकट के चलते लगे लॉकडाउन में ये श्रमिक अब देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं, जिसे लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के नेता सियासत कर रहे हैं.
मजदूरों की वापसी पर सियासत कर रहीं पार्टियां कांग्रेस विधायक ने शिवराज को लिखा पत्र गुजरात में मजदूरी करने गए हजारों श्रमिकों की घर वापसी के बाद विधायक कांतिलाल भूरिया ने सीएम शिवराज से मिलकर देश के अन्य भागों में फंसे रतलाम झाबुआ और अलीराजपुर जिले के श्रमिकों को भी सकुशल घर लाने की मांग की है.
इसी बात को लेकर रतलाम से बीजेपी सांसद गुमान सिंह डामोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री को ट्वीट किया है. संसद में मजदूरों की घर वापसी के लिए रेल सुविधा शुरू करने की मांग भी की है. दोनों ही दलों के नेताओं को अब श्रमिक वर्ग की याद सताने लगी है. इन नेताओं ने कभी इन हजारों श्रमिकों के रोजगार की चिंता नहीं की और अब इनकी घर वापसी के नाम पर अपना चेहरा चमकाने निकले हैं.
सालों तक जिले में रोजगार ना मिलने का दंश झेलने वाले मजदूरों पर अब सियासत होने लगी है. दोनों ही दलों को मालूम है कि 3 मई तक देश में संपूर्ण लॉकडाउन है. बावजूद प्रधानमंत्री ने मंशा के उल्टे ये नेता श्रमिकों के नाम पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं.