झाबुआ। 15 साल से किसी और के दस्तावेजों पर पुलिस की सरकारी नौकरी करने वाले को धोखाधड़ी सहित 4 अन्य धाराओं में झाबुआ के विशेष न्यायाधीश ने 7 साल की सजा सुनाई है. मोरझिरी के लिंबा अमलियार ने अपने रिश्तेदार सकरिया के दस्तावेजों का उपयोग कर दूसरे के नाम पर सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली. 18 अप्रैल 1984 में आरक्षक के पद लिंबा ने सकरिया ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पुलिस विभाग में आरक्षक की नौकरी पा ली थी. इन्हीं दस्तावेजों की शिकायत होने पर उसने 1999 में नौकरी छोड़ दी. नौकरी छोड़ने के बाद 2021 में आरोपी को सजा हुई है.
- नौकरी छोड़ने के 22 साल बाद आया फैसला
फर्जी दस्तावेजों की जानकारी मिलने के बाद पुलिस विभाग ने लिंबा की पूरी जांच की थी. जिसके बाद वर्ष 2014 में कोर्ट में प्रकरण फाइल किया गया. लिंबा को नौकरी छोड़ने के 22 साल बाद कोर्ट ने धोखाधड़ी सहित 4 अन्य धाराओं में दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है. इस प्रकरण में शासन की ओर से लोक अभियोजन सत्यम भट्ट ने पैरवी की थी.