मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

रिश्तेदार के नाम पर करता रहा पुलिस की नौकरी, कोर्ट ने सुनाई सजा - झाबुआ न्यूज

पुलिस विभाग में रिश्तेदार के दस्तावेजों का उपयोग कर आरोपी लिंबा नौकरी कर रहा था. कोर्ट ने आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है.

Special court
विशेष न्यायालय

By

Published : Mar 4, 2021, 9:46 PM IST

झाबुआ। 15 साल से किसी और के दस्तावेजों पर पुलिस की सरकारी नौकरी करने वाले को धोखाधड़ी सहित 4 अन्य धाराओं में झाबुआ के विशेष न्यायाधीश ने 7 साल की सजा सुनाई है. मोरझिरी के लिंबा अमलियार ने अपने रिश्तेदार सकरिया के दस्तावेजों का उपयोग कर दूसरे के नाम पर सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली. 18 अप्रैल 1984 में आरक्षक के पद लिंबा ने सकरिया ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पुलिस विभाग में आरक्षक की नौकरी पा ली थी. इन्हीं दस्तावेजों की शिकायत होने पर उसने 1999 में नौकरी छोड़ दी. नौकरी छोड़ने के बाद 2021 में आरोपी को सजा हुई है.

  • नौकरी छोड़ने के 22 साल बाद आया फैसला

फर्जी दस्तावेजों की जानकारी मिलने के बाद पुलिस विभाग ने लिंबा की पूरी जांच की थी. जिसके बाद वर्ष 2014 में कोर्ट में प्रकरण फाइल किया गया. लिंबा को नौकरी छोड़ने के 22 साल बाद कोर्ट ने धोखाधड़ी सहित 4 अन्य धाराओं में दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है. इस प्रकरण में शासन की ओर से लोक अभियोजन सत्यम भट्ट ने पैरवी की थी.

योजना के नाम पर महिलाओं से धोखाधड़ी, पुलिस जांच में जुटी

  • लिंबा ने पहले खुद को बताया था सकरिया

लिंबा ने पहले खुद को सकरिया बताया था. उसने गुजरात सेकेंडरी स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड गांधीनगर की 11वीं कक्षा की मार्कशीट और दाहोद के पीएमएस स्कूल का लिविंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया. लेकिन जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि मूल दस्तावेज सकरिया के है. आरक्षक की नौकरी करने वाला व्यक्ति लिंबा अमलियार है जो झाबुआ के मोरझिरी का रहने वाला है. पुलिस द्वारा की गई जांच में यह बात निकलकर आई की लिंबा का पूरा परिवार मोरझिरी में ही रहता है. आरक्षक की नौकरी करने वाले का नाम वोटर लिस्ट सहित सभी दस्तावेजो में लिंबा है. इसी आधार पर उसके खिलाफ पक्के सबूत होने पर न्यायालय ने उसे दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details