झाबुआ।कद्दावर आदिवासी नेता और पेसा कानून के जनक स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया को इससे अच्छी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती. कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने के बाद निर्मला भूरिया ने अपने पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया को याद किया. इस दौरान वे भावुक भी हो गईं. उन्होंने कहा-आज मुझे अपने पिता की कमी बेहद खल रही है. कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया के शपथ ग्रहण समारोह में भाई जसवंत भूरिया व सुरेंद्र सिंह भूरिया, बहू सुनीता भूरिया, नवीश भूरिया, जियाजी रतनलाल भाबर, भांजी अंशु और भतीजा रिंकू अमलियार शामिल हुईं. Nirmala Bhuria cabinet minister
जिम्मेदारी पूर्ण निष्ठा से कंरूगी :निर्मला भूरिया ने शपथ लेने के बाद कहा कि जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका पूर्ण निष्ठा के साथ पालन करूंगी. सिर्फ क्षेत्र ही नहीं प्रदेश के विकास के लक्ष्य के साथ कार्य करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विकसित मध्यप्रदेश व विकसित भारत की परिकल्पना को मूर्तरूप देने की दिशा में कार्य किया जाएगा. मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने पर मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन का आभार व्यक्त करती हूं. Nirmala Bhuria cabinet minister
विरासत में मिली राजनीति :निर्मला भूरिया को राजनीति विरासत में मिली है. वह अपने पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया को राजनीति के जरिए जनता की सेवा करते देखते बड़ी हुईं. वर्ष 1990 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और शीघ्र ही प्रदेश युवक कांग्रेस की संयुक्त सचिव नियुक्त की गईं. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. तीन साल बाद ही 1993 के विधानसभा चुनाव में पेटलावद विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर 32 हजार 292 मतों के अंतर से जीत हासिल की. उस वक्त उनकी उम्र महज 25 साल थी और 10वीं विधानसभा में वे सबसे कम उम्र की विधायक थीं. इसी दौरान निर्मला भूरिया को विधानसभा की प्राक्कलन समिति व महिला बाल विकास समिति में नामांकित भी किया गया था.