झाबुआ। पश्चिमी एमपी के आदिवासी अंचल झाबुआ की लोक संस्कृति के प्रतीक आदिवासी गुड्डे-गुड़िया अब दिव्य कला मेले में भी नजर आएंगे. शनिवार को झाबुआ में आयोजित सामाजिक अधिकारिता शिविर में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इसकी घोषणा की. इसके लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर यहां की कलाकृति के विक्रय के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे स्थानीय दिव्यांग कलाकारों को पहचान मिलेगी और उनकी आय भी हो सकेगी.
गुड्डे-गुड़िया के दीवाने हुए मंत्री:कार्यक्रम में मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार के स्वागत में आदिवासी गुड्डे-गुड़िया की कलाकृति भेंट की गई तो मंत्री को वह काफी पसंद आई. (jhabua tribal region guddan gudiya) केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने ग्वालियर में बनाए जा रहे देश के पहले दिव्यांगता खेल परिसर का भी खास तौर पर जिक्र किया, उन्होंने कहा मध्यप्रदेश के लिए यह गौरव की बात है. इस खेल परिसर की लागत करीब 171 करोड़ है और मार्च के अंत अथवा अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह तक काम पूरा भी हो जाएगा. जहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग लेने के लिए दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
दिव्यांग बने देश के गौरव: केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा पूर्व में होने वाले पैरा ओलंपिक में हमारे देश से बहुत कम दिव्यांग खिलाड़ी भाग लेने जाते थे. पिछले पैरा ओलंपिक खेलों में सिर्फ 19 खिलाड़ी भाग लेने गए थे और 4 मेडल जीतकर लाए थे. इस बार 53 दिव्यांग खिलाड़ी पेरा ओलंपिक में भाग लेने मास्को गए और वहां से 19 मेडल जीतकर लौटे. मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने दिव्यांगो के लिए काफी कुछ किया है. जिसका परिणाम है कि दिव्यांग जनों में एक आत्मविश्वास का भाव जागृत हुआ. उन्हें लगा कि वे भी खेलों के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर सकते हैं. अपने प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सकते हैं. ग्वालियर में जो दिव्यांगता खेल परिसर बनाया जा रहा है वह दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.