भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती अपने भी हैं. यही कारण है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपनों से लड़ने का मन बना लिया है. राज्य में कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं, बीते दिनों कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की कमलनाथ की अगुवाई में बैठक हुई. इस बैठक में राज्य की बेरोजगारी, बिजली, किसान सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही तय हुआ कि भाजपा को जमीनी स्तर पर घेरने के लिए आंदोलन का रास्ता चुना जाए.
कमलनाथ अपने ही बने चुनौती: अगले चुनाव को लेकर पार्टी एकजुट होती दिख रही है तो वहीं जमीन पर लड़ाई लड़ने की बात भी कह रही है. मगर पार्टी के लिए अपने भी चुनौती हैं. पार्टी के कई नेता ऐसे हैं जिनके बयान पूरी पार्टी को ही मुसीबत में डाल देते हैं और उससे उबरना आसान नहीं होता. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ नेताओं की बयानबाजी से चिंतित हैं और नाराज भी. इतना ही नहीं कई बार आगाह भी कर चुके हैं मगर इसका लोगों पर असर कम हो रहा है. इस समय कमलनाथ के लिए भाजपा से बड़ी चुनौती पार्टी के अंदर ही है और उन्हें यह लड़ाई जीतने के लिए कई सख्त फैसले भी आने वाले समय में करने को मजबूर होना पड़ सकता है.
एमपी विधानसभा चुनाव 2023 की जंग में कमलनाथ अपनों से भी लड़ने को तैयार, जानिए क्या है नई रणनीति - कमलनाथ अपनों से भी लड़ने को तैयार
एमपी में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. इसके लिए कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी हैं. पिछले चुनाव से सबक लेते हुए कमलनाथ ने इस बार साफ किया है कि पार्टी में बेवजह की बयानबाजी नहीं चलेगी. अगर इसके लिए उन्हे अपनों से भी लड़ना-भिड़ना पड़े तो वो तैयार है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की यह रणनीति पार्टी में तोड़फोड़ और विवादों से बचने के लिए है ताकि इससे अगले चुनाव में नुकसान हा हो.
एमपी विधानसभा चुनाव 2023 की जंग
दिग्विजय सिंह का वीडियो वॉरः भाजपा नेताओं की ली चुटकी, कहा- राम नाम की बजाय मेरा नाम जप रही बीजेपी
कमलनाथ से जुड़े करीबियों का कहना है कि विवादित बयानों में दिलचस्पी रखने वाले नेताओं को कमलनाथ ने अपनी आदत में बदलाव लाने के लिए हिदायत दी हैं. साथ ही कहा है कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में कई नेताओं को पर्दे के पीछे जाकर काम करने को भी मजबूर किया जा सकता है.
--आईएएनएस