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हमेशा ऑन डिमांड रहने वाले कड़कनाथ मुर्गे को नहीं मिल रहे खरीददार, व्यवसायी परेशान

हमेशा डिमांड में रहने वाले कड़कनाथ मुर्गे को कोरोना की दस्तक के बाद से ही खरीददार नहीं मिल रहे हैं. जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने रोजी- रोटी का संकट पैदा हो गया है.

Kadnath chicken, who is always on demand, is not getting buyers
कड़कनाथ मुर्गे को नहीं मिल रहे खरीददार

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Published : May 28, 2020, 10:51 AM IST

झाबुआ। कोरोना वायरस ने वैसे तो कई व्यवसायों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय को काफी नुकसान हुआ है. आलम ये है कि, हमेशा डिमांड रहने वाले कड़कनाथ मुर्गे को कोई पूछ तक नहीं रहा है. कई व्यापारियों ने तो इसकी एडवांस बुकिंग की थी, लेकिन अब वो भी कैंसिल हो चुकी है. जिससे कड़कनाथ मुर्गे का व्यवसाय करने वालों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है.

दरअसल, कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही, ये अफवाह फैल गई कि, चिकन खाने से कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है. जिसकी वजह से लोगों ने चिकन खाना छोड़ दिया, जिससे मुर्गीपालन व्यवसाय को काफी नुकसान हुआ. हालत कुछ ऐसे बन गए कि, कुछ लोगों ने औने-पौने दाम पर मुर्गों को बेच दिया, तो किसी ने जंगल में छोड़ दिया. हालांकि स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग ने स्पष्ट किया कि चिकन खाने से कोरोना संक्रमण नहीं होता, लेकिन अभी भी लोग चिकन खाने से डर रहे हैं, जबकि कड़कनाथ मुर्गे में काफी स्वास्थ्य वर्धक गुण होते हैं, जो लोगों के लीवर और हार्ट के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद हैं. इन्हीं गुणों के कारण इसका काफी मांग थी.

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से पहले कड़कनाथ की भारी मांग थी. सरकार ने कुक्कड़ पालन केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्र में ऑटोमेटिक हैचर और शटर (मशीन) लगाई थी. जिससे ज्यादा प्रोडक्शन लिया जा सके. इन केंद्रों से सरकारी योजना के साथ-साथ कड़कनाथ पालकों को चूजे दिये जाते हैं. ताकि ग्रामीण लोग इसका पालन कर खुद आत्मनिर्भर बन सकें.

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