झाबुआ। अगर आप मांसाहारी हैं तो आपने कड़कनाथ मुर्गे का नाम तो सुना ही होगा. कड़कनाथ मुर्गे का नाम सुनते ही कई लोगों के मुंह में पानी तक आ जाता है. इसके साथ ही कड़कनाथ कई तरह के पोषक तत्व से भरपूर हैं. इसके सेवन से अस्थमा, किडनी की बीमारी, क्षय रोग, कार्डियक और डायबिटीज आदि में दवाई का काम करता है. यह सभी जानते हैं कि ठंड का मौसम भी शुरु हो गया है साथ ही इसको खानों की डिमांड भी.
ठंड आते ही कड़कनाथ की बढ़ी डिमांड
काले रंग से है इसकी खास पहचान
कड़कनाथ मुर्गा दिखने में काला होता है और इसका खून भी काले रंग का होता है. इसके मांस में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. ये स्त्री रोग जैसे बांझपन, अनियमिताएं महावारी और एनीमिया को दूर करने में ये लोहा मनवा चुका है. डॉक्टर प्रसूता को प्रसव के बाद कड़कनाथ के अंडों का सेवन करने की सलाह देते हैं.
सर्दियों के मौसम में रहती है खास डिमांड
सर्दियों में कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ जाती है लिहाजा झाबुआ में बड़े पैमाने पर कुक्कुट पालन करने वाले विक्रेता कड़कनाथ की बिक्री करते हैं. इसके लिए सरकार ने पशुपालन विभाग के माध्यम से झाबुआ में कुक्कुट पालन केंद्र स्थापित किया है. केंद्र में डेढ़ लाख के आसपास कड़कनाथ मुर्गे-मुर्गी तैयार किए जाते हैं.
कड़कनाथ उत्पादन में कृषि विज्ञान केन्द्र की मेहनत
कृषि विज्ञान केन्द्र देशभर में कड़कनाथ के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को इसके लिए प्रेरित करता है. इसकी मांग इतनी ज्यादा होती है कि लगभग डेढ़ से 2 महीनों की वेटिंग यहां हमेशा बनी रहती है.
कीमतों में उछाल
कड़कनाथ का ज्यादातर सेवन ठंड में किया जाता है. इसकी डिमांड को देखते हुए इसके भाव दो से चार गुना बढ़ जाते हैं.