झाबुआ। मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूल प्रबंधन सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं. 'स्कूल चले हम अभियान' के तहत छात्रों को मिलने वाली साइकिल खुले आसमान में बारिश के बीच जंग खा रही हैं. जिनकी सुध न तो स्कूल प्रबंधन ले रहा है और न ही शिक्षा विभाग.
बारिश में जंग खा रही सरकारी योजना की साइकिलें, सिस्टम है बेसुध
स्कूल चले हम अभियान के तहत छात्रों को मिलने वाली साइकिल खुले आसमान में बारिश के बीच जंग खा रही हैं. जिनकी सुध न तो स्कूल प्रबंधन ले रहा है और न ही शिक्षा विभाग.
सरकारी स्कूलों से करीब 3 किलोमीटर दूर रहने वाले छात्रों को स्कूल से जोड़ने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश सरकार निशुल्क साइकिल देती है. ताकि अभिभावकों पर बच्चों के आने-जाने का अतिरिक्त भार न पड़े और छात्रों को भी स्कूल आने में सुविधा रहे. बीते 24 जून को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस योजना का शुभारंभ झाबुआ से किया था, लेकिन स्कूल प्रबंधन की अनदेखी और लापरवाही की चले हजारों साइकिल बारिश होने के बाद खुले में जंग खा रही हैं.
सरकारी योजना के तहत दी जाने वाली इन साइकिलों का निर्माण विकासखंड स्तर पर स्कूलों में पिछले दो माह से सप्लायर्स द्वारा किया जा रहा है. एक पखवाड़े से जारी बारिश के बावजूद स्कूलों में बनने वाली साइकिलों को मेघनर के सरकारी स्कूल में सुरक्षित स्थान पर नहीं रखा गया, जिससे उनके कलपुर्जों में जंग लग रही है. मामले में कलेक्टर और शिक्षा विभाग का ध्यान भी इस ओर नहीं है. जिससे निशुल्क साइकिल वितरण की सरकारी योजना को बट्टा लग रहा है.