झाबुआ।मध्य प्रदेश में सड़कों की दुर्दशा को लेकर कई मंत्रियों ने नाराजगी जताई है, लेकिन आज तक इन सड़कों के हालात सुधरे नहीं हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तक खराब सड़कों से परेशान हैं. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह अपनी विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के न बनने पर पिछले सप्ताह ही जूते-चप्पल का त्याग कर चुके हैं. उधर, सड़क मार्ग से झाबुआ आए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अलग ही दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे तो सरपट यहां आ गए और ऐतिहासिक तौर पर प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की समस्या नहीं है. इन तीनों बातों और दावों के बीच जब हमने झाबुआ से गुजरात राज्य की सीमा पर स्थित पिटोल कस्बे तक जाकर रियलिटी चेक किया तो यहां भी सड़क की बदहाली साफ नजर आई.
नेशनल हाईवे बदहाली का शिकार: सबसे खराब स्थिति बैतूल-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर ग्राम कयड़ावद से आगे गुजरात जाने वाले रास्ते और मेघनगर सड़क की है. नेशनल हाईवे का काम अधूरा पड़ा है. इसके पास से ही नीचे की तरफ से मेघनगर जाने वाली सड़क मानो गायब हो चुकी है. वाहन गुजरने के दौरान दोनों ही तरफ केवल धूल के गुबार नजर आते हैं. यहां हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. इसी तरह फूलमाल से पिटोल के बीच में ग्राम पांच के नाके पर भी नेशनल हाईवे बदहाली का शिकार हो रहा है, जबकि इस रास्ते से रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं.