झाबुआ।एक तरफ देश चंद्रमा पर पहुंचने वाला है, तो दूसरी तरफ झाबुआ जिला मुख्यालय से महज 12 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत खेड़ी में आजादी के 77 साल बाद भी सड़क ही नहीं बन पाई है. ये हाल तब है, जब खुद प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव और प्रभारी मंत्री इंदरसिंह परमार गांव में जाकर ग्रामीणों को सड़क निर्माण का भरोसा देकर आए हैं. इसके बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद आखिरकार ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा. उन्होंने दो टूक कह दिया है कि अब जब तक सड़क नहीं बनेगी तब तक किसी भी पार्टी के नेता को गांव में नहीं घुसने देंगे, ग्रामीणों ने आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान भी किया है.
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत खेड़ी बैतूल-अहदाबाद नेशनल हाइवे से करीब 8 किमी अंदर है. गांव की आबादी करीब 12 हजार है और इसमें 4 हजार मतदाता भी शामिल है, यहां के ग्रामीणों वर्षों से सड़क निर्माण की मांग उठाते आ रहे हैं. इसके बाद भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. पूर्व में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव और प्रभारी मंत्री इंदरसिंह परमार गांव में आए तो ग्रामीणों ने उन्हें भी सड़क निर्माण के लिए मांग पत्र सौंपा था. दोनों मंत्रियों ने आश्वासन दिया, परन्तु स्थिति आज भी जस की तस है, जिससे ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया. वे सरपंच दिनेश भाबोर के नेतृत्व में मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंच गए. उन्होंने कलेक्टर तन्वी हुड्डा के सामने एक बार फिर अपनी बात रखी. कलेक्टर ने संबंधित विभाग के अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है.
रोड निर्माण के लिए हो चुका है सर्वेः बताया जाता है कि लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव को ग्रामीणों द्वारा मांग पत्र सौंपे जाने के बाद गांव में रोड निर्माण के लिए सर्वे भी हुआ था, जिसमें 8 किमी रोड निर्माण के लिए 7 करोड़ 20 लाख रुपये प्रस्तावित लागत बताई गई थी. इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के ईई के द्वारा बकायदा अधीक्षण यंत्री इंदौर को एक पत्र भी भेजा गया था. इस बात को भी करीब 8 माह बीत चुके हैं.