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वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगर पालिका का पायलट प्रोजेक्ट, गीले कचरे से बनाई जा रही जैविक खाद

झाबुआ से निकलने वाले 9 से 10 टन औसतन कचरे का निपटारा किया जा रहा है. नगर पालिका ने शहर से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद बनाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.

organic manure from waste
कचरे का निपटान का पायलट प्रोजेक्ट

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Published : Jan 16, 2020, 2:41 PM IST

वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगर पालिका का पायलट प्रोजेक्ट, गीले कचरे से बनाई जा रही जैविक खाद

झाबुआ। शहर से रोजाना निकलने वाले 9 से 10 टन औसतन कचरे का निपटारा किया जा रहा है. नगर पालिका इस कचरे में अब आय का स्त्रोत भी ढूंढ लिया है. शहर से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद बनाने का पायलट प्रोजेक्ट नगर पालिका ने शुरू कर दिया है और 2 टन जैविक खाद का निर्माण भी किया जा चुका है, जिसे बेचने की तैयारी की जा रही है.

शहर को साफ और सुंदर बनाने की जिद में नगर पालिका के सफाई कर्मचारी हर रोज शहर से निकलने वाले कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड ले जाते हैं. गीले और सूखे कचरे की छटनी के साथ ही सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कचरे से अगल किया जाता है. सिंगल यूज़ प्लास्टिक को मनावर की सीमेंट फैक्ट्री में डिस्पोजल के लिए भेजा जाता है, जबकि उपयोग वाले कचरे से जैविक खाद बनाई जा रही है.

कचरे का निपटान का पायलट प्रोजेक्ट
फिलहाल नगर पालिका ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जैविक खाद बनाने का काम शुरू कर दिया है. नगर पालिका ने दो टन के लगभग जैविक खाद का निर्माण कर लिया है, जिसे प्रति 25 किलो को 200 रुपय की दर पर बेचा जा रहा है, साथ ही इस जैविक खाद का उपयोग नगर पालिका अपने बगीचों और डिवाइडर पर लगे पौधों के लिए किया जा रहा है. आने वाले दिनों में नगरपालिका अपने ट्रेचिंग ग्राउंड पर कई तरह की मशीनरी स्थापित करने का भी प्लान कर रही है, जिसके चलते बड़े कचरे का भी निपटान सही तरीके से किया जा सकेगा, नगर पालिका की इस सार्थक पहल का असर भी शहर में दिखने लगा है.

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