झाबुआ। लॉ कॉलेज के लिए आवंटित की जा रही जमीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जो जमीन तय की गई है, वह जिला मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर बैतूल-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर स्थित है. ऐसे में विद्यार्थियों को आने जाने में ही दिक्कतें झेलना होगी. इसके अलावा जमीन पर पहले से ही ग्रामीण काबिज हैं. ऐसे में उनके द्वारा अभी से इसका विरोध किया जा रहा है. जिसके चलते प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है.
गौरतलब है कि प्रशासन द्वारा लॉ कॉलेज के लिए ग्राम देवझरी में सर्वे नंबर 676 कुल रकबा लगभग 1.84 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित कर आवंटन की कार्रवाई की जा रही है. प्रक्रिया अंतिम दौर में हैं और इसके पहले ही विरोध के स्वर उठ गए हैं. लॉ कॉलेज निर्माण के लिए पीआईयू की एजेंसी बनाया गया है. बताया जाता है कि जिस कंपनी को भवन निर्माण का आदेश मिला है, बुधवार को यहां जमीन की नप्ती के लिए उनके कर्मचारी पहुंचे थे. इस दौरान ग्रामीणों के विरोध के बाद उन्हें उलटे पैर लौटना पड़ा.
क्यों है ग्रामीणों का विरोध
लॉ कॉलेज के लिए जो जमीन आवंटित की जा रही है. वहां पर लंबे समय से ग्रामीण मरचिया बारिया, गोपालिया बारिया, दिता बारिया, पांगला बारिया, मन्नू बारिया, रमेश बारिया, दल्लू मोरी, कसना मोरी, वसना मोरी और कमल मोरी के द्वारा खेती की जा रही है. इसके अलावा उक्त जमीन पर कुछ ग्रामीणों के मकान भी बने हैं और वह अपने परिवार के साथ यहां रह रहे हैं. कॉलेज निर्माण से वे सभी ग्रामीण बेघर हो जाएंगे. जिसे लेकर ही विरोध के स्वर उठ रहे हैं. ग्रामीणों की मांग है कि लॉ कॉलेज के लिए अन्य स्थान पर जमीन स्वीकृत की जाए. यह विद्यार्थियों के साथ ही ग्रामीणों के हित में होगा.
विद्यार्थियों के लिहाज से भी क्यों सही नहीं है जमीन, जानिए चार बिंदुओ में
दूरी:लॉ कॉलेज के लिए प्रस्तावित जमीन जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित है. ऐसे में विद्यार्थियों को आवागमन में परेशानी आएगी.
दुर्घटना की संभावना: प्रस्तावित लॉ कॉलेज बेतूल-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर बनेगा. दिन भर में यहां से सैकड़ों वाहन गुजरते हैं. ऐसे हमेशा हादसे की आशंका भी बनी रहेगी.
स्वास्थ्य:लॉ कॉलेज निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन के आसपास ही 8 स्टोन क्रेशर संचालित है. ऐसे में कॉलेज में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. वहीं दिनभर क्रेशर की आवाज से अध्ययन और अध्यापन कार्य भी प्रभावित होगा.
विवाद: लॉ कॉलेज निर्माण के पश्चात निश्चित तौर पर विद्यार्थियों के द्वारा स्टोन क्रेशर बंद करवाने की मांग की जाएगी. ऐसे में विवाद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. यदि क्रेशर बंद हुए तो उसका असर शासन को मिलने वाले राजस्व और ग्रामीणों के रोजगार पर भी पड़ेगा.