झाबुआ। पुलिस को सूचना मिली थी कि शहर में संचालित कॉमन सर्विस सेंटर पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खेल चल रहा है. पुष्टि के लिए पुलिस ने अपने ही एक जवान को उनकी बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए राम मंदिर के सामने स्थित दीपक सोलंकी के सेंटर पर भेजा, पुलिसकर्मी ने उससे बात की. इसके बाद उसने आधार कार्ड लेकर महज 5 मिनट के भीतर जन्म प्रमाण निकालकर दे दिया. इसके लिए 500 रुपए शुल्क लिया गया. पुलिसकर्मी ने बकायदा इसका पूरा वीडियो बनाया. सारे प्रमाण जुटाने के बाद पुलिस टीम ने दबिश देकर दीपक सोलंकी के यहां से 10 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बरामद किए.
इसके साथ ही पुलिस ने अन्य कॉमन सर्विस सेंटर की जांच की. इस दौरान सिद्धेश्वर कॉलोनी में सेंटर चलाने वाले रिंकू राठौर के यहां से भी 11 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जब्त किए गए. रिंकू मूल रूप से आलीराजपुर जिले के ग्राम खट्टाली का रहने वाला है और वर्तमान में झाबुआ में गादिया कॉलोनी में निवास कर रहा है. झाबुआ थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि ''आरोपी दीपक और रिंकू दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. उनके विरुद्ध धारा 420, 464 और 468 में प्रकरण दर्ज किया गया है. दोनों आरोपियों को बुधवार शाम न्यायालय में पेश किया गया.''
सीएसआर पोर्टल से बनाए जाते हैं जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र: जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र भारत सरकार के सीआरएस पोर्टल (सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) के जरिए बनाए जाते हैं. इसके लिए ऑनलाइन सारी जानकारी दर्ज करना होती है. संभवता: कहीं से इसी का यूजर आईडी और पासवर्ड लेकर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे थे.
बार कोड से हो जाएगा पूरा खुलासा:जन्म प्रमाण पत्र पर एक बार कोड डला होता है. इसे स्कैन कर पता किया जा सकता है कि ये जन्म प्रमाण पत्र कहां से तैयार हो रहे थे और इस काम में कौन कौन शामिल हैं. ये भी हो सकता है कि बार कोड ही नकली हो.