झाबुआ। महू निवासी याचिकाकर्ता धर्मेंद्र शुक्ला ने वर्ष 2021 में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अलीराजपुर अमित जैन के समक्ष वाद दायर करते हुए सांसद गुमान सिंह डामोर और अलीराजपुर के तत्कालीन कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ 600 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में लिप्त होने संबंधी प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत किए थे. इस मामले में जेएमएफसी अलीराजपुर ने बजाए दस्तवेजों का परीक्षण करवाने के तत्काल एक्शन लेते हुए 4 दिसंबर 2021 को सांसद डामोर सहित अन्य अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध करने के आदेश दिया.
क्या है मामला :इस प्रकरण में जबलपुर हाई कोर्ट से सांसद को पहले ही स्टे मिल गया था. अब हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए सांसद को सभी आरोप से बरी कर दिया है. आरोप था कि जब वे इंदौर में कार्यपालन यंत्री फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना के रूप में पदस्थ थे, तब घोटोले हुए. उन्होंने अलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं पाइप सप्लाई मटेरियल खरीदी और अन्य कई योजनाओं के करोड़ों रुपए के बिल स्वयं ही पास कर दिए. यह भी आरोप था कि आदिवासी क्षेत्र में कोई फ्लोरोसिस नियंत्रण का काम नहीं किया. इसके अंतर्गत क्षेत्र में ना तो हैंडपंप लगवाए और ना ही यूनिट की स्थापना की.