झाबुआ।किसानों को पिछलेसाल की तरह इस साल भी समर्थन मूल्य पर अपने गेहूं बेचने को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना महामारी और खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं के चलते किसान परेशान हो रहे हैं. जिले में गेहूं उत्पादक किसान 60 हजार से अधिक है, लेकिन समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए महज 11786 किसानों ने ही अपना पंजीकरण कराया है. सरकार ने किसानों से गेहूं खरीदी के लिए पहले 5 मई आखिरी तारीख तय की थी जो बाद में बढ़ाकर 15 मई कर दी गई थी. वहीं, अब तक महज 7300 किसानों ने ही अपनी उपज सरकार को बेची है.
- पेटलावद मंडी पर ट्रैक्टरों की लम्बी कतार
पेटलावद के गेहूं उर्पाजन केंद्र पर किसानों को अपनी उपज बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं. मंडी में चारो तरफ और किसानों से खरीदे गए गेहूं की बोरीया पसरी है. जिनका समय रहते परिवहन और वेयर हाउस में भंडारण न होने से मंडी में जगह की कमी हो गई है. बुधवार से खरीदी केंद्र के बाहर टैक्टरों की लम्बी-लम्बी कतारे लग रही हैं. सैकड़ों की संख्या में किसान रोज अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनका नंबर नहीं आ रहा, लिहाजा पेटलावद से रायपुरिया मार्ग पर डेढ़ से दो किलोमीटर लम्बी टैक्टरों की कतारे दिखाई दे रही है.