झाबुआ। जिले का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन मेघनगर में है, यह रेलवे स्टेशन शहर के बीचों-बीच है. रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज के पुराने और क्षतिग्रस्त होने के चलते रेलवे द्वारा इसकी मरम्मत का काम कराया जा रहा है, जो कछुआ चाल हो रहा है. दो महीनों से ज्यादा बीत जाने के बाद भी मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पा रहा है, यहां किया जा रहा काम कछुआ चाल से भी धीमा चल रहा है जिसके चलते लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
रेलवे ब्रिज की कछुआ चाल मरम्मत से हो रही परेशानी, सता रहा हादसे का डर - Damaged foot over bridge
झाबुआ जिले का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन मेघनगर में है, यह रेलवे स्टेशन शहर के बीचों-बीच है. रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज के पुराने और क्षतिग्रस्त होने के चलते रेलवे द्वारा इसकी मरम्मत का काम कराया जा रहा है जो मंद गति से हो रहा है.
![रेलवे ब्रिज की कछुआ चाल मरम्मत से हो रही परेशानी, सता रहा हादसे का डर Broken overbridge at railway station in Jhabua, people are in trouble](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8290352-592-8290352-1596536547184.jpg)
मेघनगर रेलवे स्टेशन शहर के दो भागों में विभक्त है. जहां-आने जाने के लिए लोग रेलवे के फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 1 से प्लेटफार्म क्रमांक 2 और 3 पर जाने के लिए इसी फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल होता है. ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने और मरम्मत का काम समय पर ना होने के चलते लोगों को मजबूरन रेल की पटरियों को पार करके एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आना-जाना कर रहे हैं. फुटओवर ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के चलते रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर बसे टीचर कॉलोनी, आवास कॉलोनी, जीवन ज्योति रोड रम्भापुर रोड सहित वार्ड क्रमांक 1,2, व 3 के हजारों लोगों को सड़क मार्ग से 1 किलोमीटर घूम कर आवागमन करना पड़ता है.
पिछले दो-ढाई माह से रेल यात्री एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने जाने के लिए रेल पटरियों को मजबूरन पार करना पड़ रहा है, जबकि इस रेलखंड पर रेलगाड़ियों का ट्रैफिक काफी ज्यादा रहता है. हालांकि कोरोना के चलते इन दिनों रेलवे स्टेशन पर यात्री रेलगाड़ियों की संख्या सीमित है लेकिन दिल्ली मुंबई रेल खंड से गुजरने वाली माल गाड़ियों की संख्या अधिक होने के चलते कभी भी पटरी पार करने वालों के साथ कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लोगों की समस्याओं को वाजिब मानते हुए रेलवे के विभागीय अधिकारियों ने 10 दिन के भीतर काम पूरा होने का आश्वासन दिया है.