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लॉकडाउन में तबाह हुआ कपास किसान, मेहनत को मिट्टी के भाव तौल रहे व्यापारी - झाबुआ न्यूज

प्रदेश की तमाम मंडियां और कारखाने बंद हैं, परिवहन नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा किसान अपनी उपज मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहा है. ऐसे में उन्हें आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारी भी किसान की फसल को मिट्टी के भाव तौल रहे हैं.

Cotton farmers destroyed in lockdown
लॉकडाउन में तबाह हुआ कपास किसान

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Published : May 7, 2020, 9:50 PM IST

झाबुआ। कोविड-19 के चलते देशभर में इस समय लॉकडाउन जारी है, जिसका सीधा असर किसानों की फसल खरीदी पर भी दिखाई दे रहा है. लॉकडाउन के चलते प्रदेश की तमाम मंडिया और कारखाने बंद हैं, परिवहन नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा किसान अपनी उपज मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहा है. ऐसे में उन्हें आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारी भी उसकी फसल को मिट्टी के भाव तौल रहे हैं.

लॉकडाउन में तबाह हुआ कपास किसान

झाबुआ ग्रीन जोन में शामिल है जिसके चलते उसे आंशिक छूट दी गई है. 4 मई से झाबुआ में बाजार सुबह 8 से 2 बजे तक खुलने लगे हैं, बावजूद यहां की कृषि उपज मंडियों में व्यापारी किसानों की फसल खरीदने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. जो व्यापारी मंडी पहुंच रहे हैं वो भी किसान की मेहनत को मिट्टी के भाव तौल रहे हैं.

पहले के मुकाबले गिरा दाम
पिछले साल कपास का भाव 5 हजार से 6 हजार 5 के करीब था, जबकि अभी किसानों से कपास मात्र 4 हजार प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है. वहीं बाजार में गेहूं 1518, चने के भाव भी 4100 के करीब हैं, किसानों की नजरों में मिट्टी के भाव हैं.

व्यापारी मचा रहे हैं लूट
सरकार बड़ी मात्रा में किसानों से गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर खरीद रही है, लेकिन कपास और चने की खरीदी बाजार में मनमाने भाव पर की जा रही है. लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में कपास झीन, कपड़ा मिल, कपास्या प्लांट, सोया प्लांट बन्द पड़ी हैं. जिसके चलते व्यापारी कम ही कपास की खरीदी कर रहे और अगर कर भी रहे हैं तो दाम नहीं दे रहे हैं.

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