झाबुआ।जिले में इन दिनों कोरोना के अलावा कोई चर्चा नहीं हो रही, इसी के चलते कुछ लोग सरकारी योजनाओं में बंदरबांट करके इसमें खूब चांदी काट रहे हैं. वहीं ग्रामीण भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर जब अधिकारियों के पास पहुंचते हैं, तो उनकी समस्या सुनने की बजाय उन्हें बाहर निकाल दिया जाता हैं. ताजा मामला मेघनगर विकासखंड के सजेली गांव का है, जहां दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण अपने गांव में खाद्यान्न वितरण मे हो रही धांधली की शिकायत लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे.
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा उनके हिस्से का राशन, शिकायत पर अधिकारी नहीं कर रहे सुनवाई
कोरोना काल में लोग सरकारी योजनाओं मे बंदरबांट करके इसमें खूब चांदी काट रहे हैं, ऐसा ही मामला सामने आया झाबुआ जिले के मामला मेघनगर विकासखंड के सजेली गांव से जहां राशन वितरण पर जम के धांधली हुई.
गांव के लोगों का आरोप है कि सार्वजनिक वितरण केंद्र पर तैनात सेल्समैन उन्हें पात्रता पर्ची के अनुसार राशन नहीं देता. इस मामले में कार्रवाई करने की बजाय कलेक्टर ने ग्रामीणों को जिला खाद्य अधिकारी के कार्यालय रवाना कर दिया और अपनी शिकायत उन्हें सुनाने की बात कही. जब ग्रामीण जिला खाद्य अधिकारी के पास पहुंचे तो खाद्य अधिकारी उन पर भड़क गए. हालांकि उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत पर जांच करने की बात कही है.
ग्रामीण उनके नाम से राज्य और केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत खाद्यान्न का पूरा हिस्सा नहीं ले पा रहे तो दूसरी ओर ग्रामीणों को अधिकारियों के धक्के खाने पड़ रहे हैं. कोरोना काल में सरकार लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है तो दूसरी और गांवो में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर दर्जनों गांव गांव के लोग दर-दर भटक रहे हैं. जिसके चलते आम लोगों का विश्वास शासन प्रशासन से उठता जा रहा है.