मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

मेघनगर में धीमी गति से चल रहा कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट का काम, 4 साल में शुरू हुआ बाउंड्री बनाने का काम - meghnagar of jhabua district

झाबुआ के मेघनगर क्षेत्र में प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए जो कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट (CEPT) 2020 तक बन कर तैयार हो जाना चाहिए था, वहां अभी बाउंड्री वॉल बनना शुरु हुई है, ऐसे में आने वाले 6 महीनों तक यहां ट्रीटमेंट प्लांट की सौगात नहीं मिल पाएगी. पढ़िए पूरी खबर...

jhabua effluent Common treatment plant
कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट

By

Published : Sep 29, 2020, 3:51 PM IST

झाबुआ। जिले के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में लगे केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को साफ (ट्रीट) करने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र में कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट (CEPT) लगाने का वादा 2016 में किया था. सरकारी वादे के इतर कॉमेंट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सिर्फ बाउंड्री वॉल निर्माण का काम ही शुरू हो पाया है, जबकि सितंबर 2020 में इस कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट को बनकर कर तैयार होना है. जाना था.

मेघनगर में धीमी गति से चल रहा कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट का काम

स्वीकृती लेने में 13 महीने का समय लगा

मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित हो रहे विभिन्न केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी से आसपास का भूजल स्तर खराब हो रहा था. केमिकल कारखानों के विरोध में उमड़े जन विरोध के बाद सरकार ने मेघनगर में कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की घोषणा की थी, ताकि प्रदूषित पानी का ट्रीटमेंट कर उसे उपयोग योग्य बनाया जा सके.

औद्योगिक विकास निगम में साढ़ें 9 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्लांट का ठेका हैदराबाद की कंपनी को दिया था, जिसका वर्क ऑर्डर दिसंबर 2018 में दिया गया था. CEPT बनाने वाली कंपनी को पर्यावरणीय स्वीकृती लेने में 13 महीने का समय लग गया.

धीमी गति से चल रहा काम

औद्योगिक क्षेत्र में CEPT का काम कछुआ गति से चल रहा है. आलम यह है कि जिस ट्रीटमेंट प्लांट को इस समय तैयार हो जाना था, वहां अभी बाउंड्री वॉल का ही काम शुरू हो पाया है, जिससे लगता है कि आने वाले 6 महीनों तक यहां ट्रीटमेंट प्लांट की सौगात नहीं मिल पाएगी.

औद्योगिक विकास निगम के अधिकारियों का मानना है कि मार्च 2021 तक कंपनी ने ट्रीटमेंट प्लांट का काम को पूरा करने का आश्वासन दिया है. कोरोना का हवाला देकर विभाग ने कंपनी को 6 महीने का अतिरिक्त समय भी दिया है. अब देखना होगा कि आखिर कंपनी अपना काम कब पूरा कर पाती है और कब केमिकल कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित पानी से क्षेत्र के लोगों को छुटकारा मिलेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details