झाबुआ। आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के भोले-भाले लोगों को अच्छे निवेश का लालच देकर चिटफंड कंपनियों ने जिले से करोड़ों रुपए जमा कराए और रफूचक्कर हो गई. निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा इन कंपनियों में अच्छे ब्याज की लालच में लगाया था. समय अवधि पूरी होने के बाद ये कंपनियां पैसे देने की बजाय ग्राहकों को प्रताड़ित कर रही हैं. ऐसे में एक नहीं सैकड़ों मामले हैं, जिनमें निवेशक अपना पैसा वापसी के लिए परेशान होकर पुलिस से मदद और कार्रवाई की गुहार लगाने पहुंचे हैं.
झाबुआ में 12 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले सैकड़ों लोग पुलिस की शरण में पहुंचे हैं. लोगों का कहना है कि कंपनियों ने अच्छे लाभ का सपना दिखाकर उनसे लाखों रुपए जमा करवाए और अब कंपनी उनकी पूंजी वापस नहीं कर रहीं हैं. लिहाजा एक ओर इन लोगों को कई सालों के ब्याज का नुकसान हुआ तो दूसरी ओर मूलधन का पैसा भी वापस नहीं मिल रहा. किसी का 28 लाख, किसी का 50 हजार तो किसी की जिंदगी भर की कमाई चिटफंड कंपनी में डूब गई. पीड़ित कई बार एसपी, कलेक्टर, मंत्री, नेता सबको आवेदन दिए, लेकिन कुछ नहीं हो पया.
पैसे डबल करने का दिया था लालच
कंपनियों में पैसा जमा कराने वाले एजेंट भी फरियादियों के संगे सबंधी और रिश्तेदार हैं. यही वजह है कि लोगों ने भरोसे के साथ पैसा जमा किया और वो डूब गया. लिहाजा एजेंट और निवेशकों में कई पैसों की लेन देन को लेकर विवाद भी हुआ और मामला थाने भी पहुंचा. लोगों का कहना है कि दो साल से आवेदन दे रहे हैं, लेकिन कुछ नही हो रहा. झाबुआ के लोगों को सहारा, सनसाईन और एचबीएन जैसी कंपनियों ने पहले तो पैसा डबल करने का लालच दिया और बाद में सब लेकर गायब हो गईं.