झाबुआ। रायपुरिया के तलावपाड़ा गांव में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां 170 करोड़ की लागत से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए बनाई गई माही परियोजना नहर पहली ही बारिश में बह गई. नहर के टूटने से पानी खेतों में पहुंच गया जिससे किसानों की फसलों को नुकसान होने की बात भी कही जा रही है. नहर के टूटने की वजह घटिया निर्माण कार्य बताया जा रहा है.
बारिश में बह गई 170 करोड़ रुपए की लागत से बनी माही परियोजना की नहर, किसानों की फसलों को हुआ नुकसान - farmer field was damage due to mahi planning
झाबुआ जिले के रायपुरिया के तलावपाड़ा गांव के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए 170 करोड़ रुपए की लागत से माही परियोजना नहर बनाई गई थी. लेकिन इस नहर के निर्माण की पोल पहली बारिश में खुल गई.
मध्यप्रदेश सरकार ने 2013 में इस परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी, जिसे 2018 में पूरा हो जाना था. लेकिन 2019 बीतने के बाद भी यह परियोजना अधूरी है. इस परियोजना में 33 किलोमीटर लंबी केनाल नहर बनाई जानी थी. जबकि 6 किलोमीटर लंबी -छोटी कैनाल नहर का निर्माण भी किया जाना था. इसके अलावा 1150 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाकर किसानों को खेतों तक पानी पहुंचाना था. लेकिन घटिया निर्माण कार्य से नहर टूटने लगी है.
इस परियोजना का काम करने वाले ठेकेदार और निर्माण एजेंसी को समय-समय पर किसानों ने निर्माण में हो रही गड़बड़ी, गुणवत्ताहीन काम की शिकायत की थी. लेकिन अधिकारियों ने किसानों की बातों को अनसुना कर दिया था, जिसके चलते अब बारिश में किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है.