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Bronchoscopy in Jhabua: झाबुआ में पहली बार मरीजों में टीबी की पुष्टि के लिए की गई ब्रोंकोस्कोपी, अब तक 3 मरीजों की हुई जांच - Bronchoscopy in Jhabua confirm TB in patients

hjmजब एएफबी और सीबी नाट तकनीक में नहीं हो पाती रोग की पुष्टि तो की जाती है ब्रोंकोस्कोपी, इससे लंस कैंसर और श्वास संबंधी अन्य रोग की भी हो जाती है पुष्टि

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Published : Aug 16, 2023, 10:08 PM IST

झाबुआ।स्वास्थ्य सेवाओं में पिछड़े माने जाने वाले झाबुआ के जिला अस्पताल में पहली बार किसी मरीज में टीबी की पुष्टि के लिए ब्रोंकोस्कोपी की गई, इसके लिए कोविड-19 के समय जिला अस्पताल को दिए गए ब्रोंकोस्कोपी उपकरण का इस्तेमाल किया गया. दरअसल अभी तक जिला अस्पताल में टीबी की पुष्टि के लिए एएफबी और सीबी नाट तकनीकी का उपयोग किया जा रहा था, इस बीच कुछ मरीज ऐसे भी मिले जिनमें सारे लक्षण होने के बाद भी टेस्ट में पकड़ नहीं पा रहे थे. लिहाजा अस्पताल में पदस्थ चेस्ट एवम् टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ फैजल पटेल ने मरीज की ब्रोंकोस्कोपी करने का फैसला किया, जिस उपकरण को कोरोना काल में भेजा गया था उसके जरिए मरीज के चेस्ट से टीसू लेकर उसकी जांच की गई. इसमें टीबी रोग की पुष्टि हुई, फिलहाल अब तक तीन मरीजों की जांच इस तरह की जा चुकी है.

लक्षण नजर आए पर पुष्टि नहीं हुई तो की ब्रोंकोस्कोपी:ग्राम पावागोई बड़ी के महेश 45 वर्षीय पिता के लिए दो साल पहले टीबी की दवाई ले चुके थे, अब बीते तीन दिनों से गले से ब्लड आ रहा था. कफ की जांच में टीबी की पुष्टि नहीं हुई, ऐसे में विशेषज्ञ डॉ फैजल पटेल ने ब्रोंकोस्कोपी करने का निर्णय लिया. इसके लिए महेश के दाहिने फेफड़े से सैंपल लेकर उसकी जांच की गई, जिसमें टीबी रोग की पुष्टि हुई. फिर उनका उपचार शुरू किया गया.

क्या है ब्रोंकोस्कोपी:ब्रोंकोस्कोपी फेफड़ों की जांच करने का एक आसान परीक्षण है, इस प्रक्रिया में एक छोटी ट्यूब नाक या मुंह द्वारा फेफड़ों में डाली जाती है. फिर वहां से टिश्यू का एक छोटा टुकड़ा निकालकर उसकी प्रयोगशाला में जांच की जाती है, इसे दूसरी भाषा में बायोप्सी भी कहते हैं.

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ब्रॉन्कोस्कोपी से इन बीमारियों का लग सकता है पता:सांस नली की समस्याएं जैसे सांस लेने में तकलीफ या पुरानी पड़ चुकी खांसी का पता लगाने के लिए ब्रॉन्कोस्कोपी का प्रयोग किया जाता है, यदि एक्स-रे या सीटी स्कैन के द्वारा छाती, लिम्फनोड या फेफड़ों में कोई तकलीफ पाई गई हो, तो उन जगहों से जांच के लिए बलगम या टिश्यूज के सैंपल निकालने के लिए भी ब्रॉन्कोस्कोपी का प्रयोग किया जाता है.

उपलब्ध संसाधन का उपयोग कर रहे हैं: झाबुआ जिला अस्पताल के चेस्ट एवम् टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ फैजल पटेल ने बताया "हमारे यहां जो संसाधन उपलब्ध है उसका इस्तेमाल किया गया है. फिलहाल तीन मरीजों की ब्रोंकोस्कोपी की गई है."

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