झाबुआ।आशिता आत्महत्या मामले में एक नया मोड़ आया है. दरअसल आत्महत्या से 46 दिन पहले यानी 11 नवंबर को शुभम राठौर के खिलाफ कोतवाली में एक आवेदन दिया था, हालांकि बाद में इसमें समझौता हो गया, लेकिन इस आवेदन ने ऐसा बहुत कुछ सामने ला दिया है जो अब शुभम के खिलाफ न केवल प्रताड़ना बल्कि शारीरिक शोषण का भी सबूत साबित हो सकता है.
प्रेमी के परिजनों पर भी हो मामला दर्ज:24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जांच के चलते पुलिस अब तक एफआईआर दर्ज नहीं कर पाई है, इस बीच शुक्रवार दोपहर में आशिता के परिजन और चर्च कॉलोनी के लोग कोतवाली पहुंचे. उनका कहना है कि, "शुभम के साथ ही उसके(शुभम) परिजन भी हमारी बेटी की मौत के लिए पूरी तरह से जिम्मेदारी हैं, इसलिए शुभम के परिजनों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया जाए." (Ashita Suicide Case) इस दौरान परिजनों ने पुलिस को आशिता द्वारा लिखा गया 9 पेज का एक अन्य लेटर भी सौंपा, जिसमें उसने अपने साथ हुए एक-एक घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है. फिलहाल पुलिस ने आशिता के माता, पिता और भाई का बयान दर्ज कर लिया है, इसमें उन्होंने शुभम के परिजन के अलावा बाहरी दो लोगों का भी जिक्र किया है. पुलिस अब हर पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है. बता दें कि शुभम और उसके परिजन अभी फरार है.
बचाई जा सकती थी बेटी:युवती की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने गुरुवार को मर्ग कायम कर लिया था. शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे युवती के परिजन और अन्य लोग थाने पहुंच गए थे, यहां उन्होंने थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह के सामने अपनी पूरी बात रखी. इस दौरान उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि, "जब वे हमें सूचना देने आए, उसके पहले यदि दरवाजा खोलकर हमारी बेटी को बचाया भी जा सकता था, जब हम शुभम के घर पहुंचे तो हमें अंदर नहीं जाने दिया गया." परिजन ने बताया कि किस तरह एक व्यक्ति ने बीच में पड़कर उनका समझौता करवाया था, बाद में वह भी पलट गया, नहीं तो हमारी बेटी की जान बच जाती. परिजन का कहना था कि जितने भी लोग उनकी बेटी की मौत के जिम्मेदारी है, उन सभी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाए. फिलहाल थाना प्रभारी ने उनकी सारी बात सुनने के बाद अपने बयान दर्ज कराने को कहा. शाम करीब 6 बजे तक युवती के माता, पिता और भाई के बयान पुलिस ने दर्ज कर लिए थे, सारे तथ्यों की जांच के बाद प्रकरण दर्ज किया जाएगा.