झाबुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश को माफिया मुक्त करने का संकल्प लिया है, लेकिन अब ये कार्रवाई बदले की कार्रवाई बनती जा रही है. दरअसल सीएम कमलनाथ ने भू-माफियाओं, अनाज माफियाओं, परिवहन माफियाओं, दवा माफियाओं, शराब माफियाओं और खनन माफियाओं पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन बीजेपी का आरोप है कि झाबुआ जिले में गुमटीवालों और उनकी पार्टी के नेताओं को रडार पर लेकर कार्रवाई की जा रही है, जिसका विरोध भी होना शुरू हो गया है. प्रशासनिक कार्यों में भेदभाव और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने पर भारतीय जनता पार्टी 24 जनवरी को कलेक्टर कार्यालय का घेराव भी करेगी.
राजनीतिक बदले में तब्दील हुआ झाबुआ में एंटी माफिया अभियान, बीजेपी नेता और गुमटीवाले रडार पर
मध्यप्रदेश में चल रहा एंटी माफिया अभियान अब राजनीतिक बदले में बदल गया है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रशासन पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहा है. वो कांग्रेस नेताओं और उनके रिश्तेदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं कर रहा, लेकिन बीजेपी नेताओं और गुमटीवालों को जबरदस्ती निशाना बनाया जा रहा है.
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस नेता के रिश्तेदार का चार मंजिला घर नाले पर बना हुआ है, लेकिन इसकी शिकायत करने के बाद भी झाबुआ एसडीएम ने उनके घर को तोड़ने की कार्रवाई नहीं की. आरोप है कि अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद भी इसे नहीं तोड़ा गया. अब ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. शहर के कैलाश मार्ग पर भी तीन दर्जन से ज्यादा अतिक्रमणकारियों ने पट्टे की लिस्ट से ज्यादा भूमि पर और नाले पर अतिक्रमण कर रखा है, जो एनजीटी के नियमों के विपरीत भी है, बावजूद इसके इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
झाबुआ जिले के पेटलावद विकासखंड के ग्राम झकनावदा में स्कूली शिक्षा विभाग की जमीन पर कांग्रेस नेताओं ने दर्जन भर से ज्यादा दुकानों का निर्माण कर उन्हें बेच दिया है. इसकी लिखित शिकायत होने के बावजूद पेटलावद एसडीम ने अतिक्रमणकारियों को हटाने की बजाय शहर के निजी जमीन पर बने छज्जे निकालने का फरमान दे दिया है. हैरानी की बात ये है कि कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायत होने के बावजूद प्रशासन उन पर कार्रवाई करने की बजाय भाजपा नेताओं को रडार पर ले रहा है, जिससे ये पूरी कार्रवाई राजनीतिक बदले में तब्दील हो गई है.